भोपाल : मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने अगले वर्ष जनवरी में इन्वेस्टर्स समिट की तैयारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार देश के प्रमुख नगरों में उद्योगपतियों के साथ बैठक करेगी। 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जाएगा।मुख्यमंत्री डा. यादव ने सोमवार को मंत्रालय में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की समीक्षा की। बैठक में विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान बताया गया कि प्रदेश में 78 औद्योगिक इकाइयों के लोकार्पण और भूमिपूजन का कार्य शीघ्र होगा। रीजनल इन्वेस्टर्स कान्क्लेव उज्जैन के बाद अन्य क्षेत्रों में की जाएंगी। इसके लिए तैयारियां प्रारंभ हो गई हैं।
आइटी क्षेत्र में रोजगार के लिए काम
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि उद्योगों के विकास के लिए समेकित योजना तैयार करें। आइटी क्षेत्र में रोजगार की बड़ी संभावनाएं हैं। अभी रोजगार के लिए बड़ी संख्या में युवा प्रदेश से बाहर जाते हैं। उन्हें प्रदेश में ही काम मिल सके, ऐसे प्रयास किए जाएं। प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म और नए क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं का भी अध्ययन किया जाए। इसके लिए देश के प्रमुख नगरों में उद्योगपतियों के साथ बैठकें होंगी।
रोजगारपरक उद्योगों पर जोर
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें ऐसे उद्योगों की स्थापना पर जोर देना है, जो रोजगारपरक हों। इसके लिए छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए क्योंकि इनमें अधिक संख्या में रोजगार की संभावना होती है। मूर्ति निर्माण, भगवान के वस्त्र तैयार करने जैसे नए क्षेत्रों में काम प्रारंभ किया जाए। मेपकास्ट के साथ इसरो जैसी संस्थाओं के सहयोग से युवाओं के लिए उपयोगी उद्योग और व्यवसायिक गतिविधियां की जाएं। बैठक में बताया गया कि स्पेस टेक्नोलाजी पर राष्ट्रीय कार्यशाला प्रदेश में होगी। इस दौरान मुख्य सचिव वीरा राणा, मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेन्द्र कुमार सिंह, प्रमुख सचिव वित्त मनीष सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बुजुर्गों के लिए रहवास , संस्थानों को टैक्स में छूट
बैठक में अधिकारियों से कहा गया कि ओल्ड एज होम संचालन और धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में उद्योग विभाग प्रयास करे। दतिया, ओरछा समेत अन्य धार्मिक पर्यटन से जुड़े स्थानों पर बुजुर्गों के लिए रहवास सुविधा विकसित की जाए। इसके लिए बहुमंजिला भवन की व्यवस्था भी की जा सकती है। जो संस्थान इस क्षेत्र में सहयोग करें, उन्हें टैक्स में छूट दी जाए।
उज्जैन विक्रमपुरी औद्योगिक क्षेत्र में 5,407 करोड़ के निवेश को मंजूरी
उज्जैन में हुई पहली रीजनल इंडस्ट्री कांन्क्लेव की प्रगति की समीक्षा भी की गई। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि विक्रमपुरी औद्योगिक क्षेत्र में पिछले छह माह में 58 इकाइयों के लिए 459.24 एकड़ भूमि दी गई। 5,407 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी मिली है। इससे लगभग 15 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।