भोपाल, 22 जून .पौने चार लाख करोड़ के बड़े और भारी कर्ज में डूबी मप्र की भाजपा सरकार अपने मंत्रियों के लिए पांच करोड़ में लग्जरी गाड़ियां खरीदने जा रही है। बताया जा रहा है कि 25 नई चमचमाती गाड़ियां इसी माह के अंत तक आ जाएंगी।
नई गाड़ियों की डिलिवरी के लिए अगस्त की डेट मिली थी, लेकिन मंत्री इसी माह गाड़ियों की डिमांड कर रहे हैं। दबाव में सरकार ने जून के अंत तक लग्जरी गाड़ियां देने का अनुरोध किया है। जबकि पांच मंत्रियों को नई गाड़ियां पहले ही मिल चुकी हैं।सुख-सुविधाओं पर करोड़ों खर्च कर चुकी प्रदेश सरकार में अब इतनी भी नैतिकता नहीं बची है कि लग्जरी खर्च को कम कर सके। खास करके तब जब वह बीते दो चुनाव में अपने घोषित वादों को भी पूरा नहीं कर रही है। किसानों को घोषित समर्थन मूल्य नहीं देने वाली सरकार के मंत्री यदि लग्जरी गाड़ियों में बैठकर गांव में घूमेंगे, तो किसानों की तकलीफ ज्यादा बढ़ जाएगी, 3000 प्रतिमाह मिलने का सपना देख रही लाखों लाड़ली बहना महंगी गाड़ियों में मंत्रियों के नखरे कैसे झेल पाएंगीं?
इसके पहले कई सारे माननीय मंत्री महोदय के बंगलों की लग्जरी सजावट में फिर से करोड़ों रुपए खर्च किए गए। कर्ज में डूबी सरकार गरीब जनता के पैसों पर ऐसी लग्जरी गाड़ियां कैसे उठा सकती है? विशेष रूप से तब जब मंत्री जी के निवास पहले से ही बेहतर स्थिति में थे। मुख्यमंत्री जी के उड़न खटोले के लिए भी गरीब प्रदेश की कर्जदार सरकार ने 56 इंच से बड़ी छाती खोलकर बजट बनाया और देश दुनिया में ढिंढ़ोरा पीट कर कोटेशन भी मंगवाए। महंगे हवाई जहाज में हवा-हवाई सरकार जनता के पैसों से ही तो ऐश करेगी। यह वही जनता है जो गांव, गरीब, किसान और पीड़ित महिलाओं के रूप में मध्यप्रदेश में रह रही है, वह केंद्र की भाजपा सरकार के चुनावी वादों पर भरोसा करती है और चुनाव जीतने के बाद भाजपा की भगौड़ी सूरत को देखकर खुद को ठगा हुआ महसूस करती है। मेरा आग्रह है गरीबी में आटे को और ज्यादा गिला नहीं करना चाहिए। लग्जरी खर्चे में कमी करते हुए पहले चुनावी वादों को पूरा करने में ध्यान और धन लगाना चाहिए।