भोपाल, 21 जून .देश ओर प्रदेश की भाजपा सरकार में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से युवाओं के भविष्य के साथ लगातार हो रही धांधलियांें के विरोध में आज मध्यप्रदेश कांग्रेस के आव्हान पर प्रदेश भर में जिला स्तरीय धरना-प्रदर्शन आयोजित किये गये। वहीं राजधानी भोपाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में जिला/शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा देश और प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा आयोजित परीक्षाओं में हो रही धांधली, भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया गया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी ने धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुये कहा कि पूरे देश में शैक्षणिक अनुशासन, शैक्षणिक परिसर की संस्कृति और प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता पूरी तरह समाप्त हो गई है। प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक होना, व्यवसायिक परीक्षाओं के पेपर लीक होना इस सरकार में आम बात हो गई है। नीट की परीक्षा में जिस तरह से पेपर लीक हुआ, 24 लाख बच्चों का भविष्य अंधेरे में धकेला गया, यह योग्य प्रतिभाओं का सामूहिक संहार है, इसे माफ नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदीप जोशी मप्र पीएससी के चेयरमेन बने तब पेपर लीक हुए, पक्षपात हुआ, बाद इन्हें छत्तीसगढ़ में पीएससी का चेयरमेन बना दिया, यहां भी पेपर लीक हुआ और फिर उन्हें दिल्ली में यूपीएससी का चेयरमेन बना दिया, जहां-जहां प्रदीप जोशी गये वहां घोटाले होते गये, घोटालों की लंबी फेहरिस्त इनके कार्यकाल की है। इनके कार्यकाल में क्या-क्या हुआ पूरा देश जानता है। इतना ही नहीं यहां कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें एनटीए का चेयरमेन बना दिया और इनकी सरपरस्ती में नीट के पेपर लीक हुए, जिससे देश भर के नीट एवं अन्य परीक्षाओं में शामिल छात्र-छात्राओं में आक्रोश पैदा हुआ और वे नीट के विरोध में आंदोलन करने पर आमादा हो गये। श्री पटवारी ने कहा कि सबसे बड़ा दुखद प्रसंग और हास्यास्पद यह है कि नीट के पेपर लीक कांड की जांच के लिए उसी प्रदीप जोशी को जांच समिति का अध्यक्ष बना दिया। यानि जो इस अराजकता का जिम्मेदार है वही व्यक्ति इस पेपर लीक कांड की जांच करेगा। श्री पटवारी ने कहा कि मोदी सरकार में शिक्षा माफ़ियाओं के बढ़ते लालच और भ्रष्टाचार से छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है। ये सरकार पेपर लीक रोकने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। मप्र बौद्धिक हत्याओं के मामले में देश की राजधानी बन गया है। शिवराज सरकार में व्यापम सहित कई अन्य भर्ती घोटाले और पेपर लीक का कलंक प्रदेश पर लगा है, जो बढ़ता-बढ़ता देशव्यापी हो चुका है और यह सरकार के संरक्षण के बिना संभव नहीं है। अन्यथा मोदी सरकार पेपर लीक के मामलों को रोकने में आज इस प्रकार विफल नहीं होती। पेपर लीक और भर्ती घोटालों की जड़ तक जाना है तो प्रदीप जोशी जैसे मुखौटों का सच सामने लाना होगा।
श्री पटवारी ने कहा कि बार-बार हर बार लगातर युवाओं भविष्य के कत्ल की खबरे आ रही है। देश के आमजन के परिवार के बच्चों को न्याय मिलेगा कि नहीं देश में प्रश्न खड़ा होता जा रहा है। ये बौद्धिक हत्यायें यदि कहीं सबसे पहले चालू हुई तो मध्यप्रदेश से हुई। शिवराज सरकार ने देश के भविष्य और बेटी-बेटियों के भविष्य को रौंदा हैं, यह वह प्रदेश हैं जिसमें व्यापमं घोटाला, पुलिस हवलदार, नर्सिंग घोटाला, डेयरी अधिकारियों, सूबेदार उपनिरीक्षक भर्ती में घपले हुये, वन रक्षक, आरटीओ विभाग में भर्ती में घपले हुये। पटवारी भर्ती घोटाला, प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाला भी यहीं का है। इस सरकार ने प्रदेश को घोटालों की नर्सरी बना दिया। भाजपा राज में सरकार घपलेवाजों, घोटालेवालों को संरक्षित करती है। लगातार भर्ती घोटाला चल रहा है। श्री पटवारी ने कहा कि नीट की परीक्षा को रद्द कर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
धरना-प्रदर्शन को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश सहप्रभारी सीपी मित्तल, मुकेश नायक, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, पीसी शर्मा, जिला शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षद्वय प्रवीण सक्सेना, अनोखी मानसिंह पटेल आदि ने भी संबोधित किया।
धरना प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष राजीव सिंह, अरूण श्रीवास्तव, श्रीमती विभा पटेल, जे.पी. धनोपिया, दीपचंद यादव, डॉ. महेन्द्र सिंह चौहान, भूपेन्द्र गुप्ता, सुश्री संगीता शर्मा, राजकुमार सिंह, संजीव सक्सेना, आशुतोष चौकसे, विवेक त्रिपाठी, अभिषेक शर्मा, रवि परमार, महावीर गुर्जर, रितू बराला, उसमान अंसारी, फिरोज खान, शाहजहां खान, गुड्डू चौहान सहित वरिष्ठ नेतागण एवं बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।