लंदन: ऋषि सुनक आगामी चुनाव में अपनी संसदीय सीट हारने वाले पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बन सकते हैं। यह अनुमान 4 जुलाई को होने वाले राष्ट्रीय मतदान से पहले टेलीग्राफ अखबार में प्रकाशित सवांता जनमत सर्वेक्षण में लगाया गया है। सवांता ने 7 जून से 18 जून के बीच लगभग 18,000 लोगों के बीच सर्वे किया। सर्वे से पता चला कि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को ब्रिटेन के 650 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स में केवल 53 सीटें मिलने वाली हैं, जबकि विपक्षी लेबर पार्टी को 516 सीटें मिलने का अनुमान है। अधिकांश जनमत सर्वेक्षणों में वर्तमान में कीर स्टारमर की लेबर पार्टी को राष्ट्रीय वोट शेयर में सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी से लगभग 20 प्रतिशत अंक आगे बताया गया है। टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, सुनक के उत्तरी इंग्लैंड में अपने संसदीय क्षेत्र को खोने का पूर्वानुमान है। हालांकि, इसके बावजूद, जिसे कभी सुरक्षित कंजर्वेटिव सीट माना जाता था, सवांता ने कहा कि करीबी अंतर को देखते हुए मुकाबला अभी भी संतुलन में है। इसमें कहा गया है कि सावंता ने 100 से अधिक सीटों पर इतने कम अंतर से जीत की भविष्यवाणी की है कि वे सीटें दांव पर लगी रहेंगी।
ब्रिटिश चुनाव में कश्मीर की गूंज
ब्रिटेन के विपक्षी दल लेबर पार्टी ने कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार द्वारा मतदाताओं को लिखे गए उस पत्र को “विभाजनकारी” बताते हुए उसकी निंदा की है, जिसमें मतदाताओं से लेबर पार्टी के ब्रिटिश भारतीय उम्मीदवार के बजाय उन्हें वोट देने का आह्वान किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कश्मीर मुद्दा ब्रिटिश संसद में उठाया जा सके। इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र में डुडले से टोरी उम्मीदवार मार्को लोंगी की ओर से जारी आधिकारिक प्रचार अभियान पत्र की शुरुआत मुसलमानों को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद के साथ की गई।
कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार की बेशर्म करतूत
इसके बाद, इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के लिए पुनः निर्वाचित होने का संदर्भ दिया गया है। डडले में ब्रिटिश पाकिस्तानी/कश्मीरी समुदाय के मतदाताओं” को संबोधित पत्र में लिखा गया है, “हाल में हमने मोदी की पार्टी भाजपा को भारत में फिर से निर्वाचित होते देखा है। इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में कश्मीर के लोगों के लिए और भी कठिन समय होगा।”