भोपाल। कर्मयोगी पं. माधवराव सप्रे की 153 वीं जयंती पर सप्रे संग्रहालय में उनका पुण्य स्मरण किया गया। सप्रे जी और वीणापाणिनि सरस्वती जी की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर संग्रहालय के संस्थापक निदेशक विजयदत्त श्रीधर ने कहा कि पं. माधवराव सप्रे हिन्दी नवजागरण के अग्रदूत हैं। उन्होंने भारत की एक राष्ट्रीयता का शंखनाद किया। अर्थशास्त्र की हिन्दी शब्दावली तैयार की। हिन्दी समालोचना शास्त्र का परिष्कार किया। हिन्दी की पहली मौलिक कहानी ‘एक टोकरी भर मिट्टी’ उन्होंने लिखी। लोकमान्य तिलक विरचित ‘गीता रहस्य’ का हिन्दी अनुवाद किया, जिसके तीस से ज्यादा संस्करण प्रकाशित हो चुके
हैं। माखनलाल चतुर्वेदी, द्वारकाप्रसाद मिश्र, सेठ गोविंददास प्रभृति राष्ट्रीय प्रतिभाओं का उन्नयन सप्रे जी का महत्वपूर्ण अवदान है।