देहरादून: उत्तराखंड के दूर दराज के क्षेत्र में बसने वाले लोग आज भी सड़क मार्ग न होने के कारण मूलभूत सुख सुविधाओं के अभाव में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। सड़क के अभाव में पिथौरागढ़ जनपद के ल्वां गांव में जब एक पशुधन सहायक की मृत्यु हुई तो उसके शव को 50 किलोमीटर तक पैदल ढोना पड़ा।
तीन दिन बाद पहुंचा शव
दरअसल पिथौरागढ़ के ल्वां गांव में पशुधन सहायक का शव लाने के लिए रेस्क्यू टीम को 50 किलोमीटर का पैदल रास्ता तय करना पड़ा। रेस्क्यू कर्मी पशुधन सहायक के शव को लेकर 50 किलोमीटर पैदल चले मुनस्यारी विकासखंड के मल्ला जौहार के ल्वां गांव में मृत पशुधन सहायक का व तीन दिन बाद मुनस्यारी पहुंच गया है।
सांस लेने में दिक्कत से हुई मौत
पशुधन सहायक दान सिंह किसी विभागीय कार्य से ल्वां गांव गए हुए थे यहां उन्हें अचानक सांस लेने में दिक्कत हुई और उनकी मौत हो गई। सूचना पर रविवार को मुनस्यारी थाना पुलिस के एसआई देवेंद्र बिष्ट, राजस्व उप निरीक्षक दिनेश भंडारी, कांस्टेबल वीरेंद्र यादव, होमगार्ड देवेंद्र सिंह 50 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर ल्वां गांव पहुंचे।
शव को लेकर मुनस्यारी के लिए रवाना हुए इस दौरान तमाम पथरीली चढ़ाई और चट्टानों को पैदल ही पार की। यह रेस्क्यू कर्मी पशुधन सहायक के शव को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुनस्यारी पहुंचे यहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया।