नई दिल्ली:इटली के अपुलिया में आयोजित ग्रुप ऑफ सेवन (जी-7) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई विश्व के नेताओं से मुलाकात की. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन के संवाद सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत कृत्रिम मेधा (एआई) को पारदर्शी, निष्पक्ष, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बनाने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का दृष्टिकोण चार सिद्धांतों – उपलब्धता, सुलभता, वहनीयता और स्वीकार्यता पर आधारित है. उन्होंने ‘ग्लोबल साउथ’ के समक्ष चुनौतियों को रेखांकित करते हुए कहा कि वे वैश्विक अनिश्चितताओं और तनावों का खामियाजा भुगत रहे हैं. वहीं जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिंडिसि हवाई अड्डे से भारत के लिए रवाना हुए.जी-7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं. इस बार इटली जी-7 (सात देशों के समूह) शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता और मेजबानी कर रहा है. भारत के अलावा इटली ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था. हालांकि, यूरोपीय संघ जी-7 का सदस्य नहीं है, लेकिन यह वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेता है.