उज्जैन में इतना बड़ा सट्टा व्यापार चल रहा, इस जबाव

मुख्यमंत्री को देना चाहिए: मुकेश नायक

भोपाल, 14 जून 2024

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार साथियों से चर्चा करते हुये कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस ने दो स्थानों पर छापे मारे और छापे मारकर सटोरियों से 15 करोड़ रूपयों की नकद राशि बरामद की, नोट गिनने के लिए पुलिस को मशीन बुलाना पड़ी और मशीनों को नोट गिनती करने में तब मुश्किल आई जब नो देशों की करंसी बरामद हुई, उसमें कितने नोट हैं यह पुलिस ने बताया नहीं है, उम्मीद है जल्द ही इसकी जानकारी भी सामने आयेगी। नौ आरोपी इस मामले में गिरफ्तार हुये हैं, लेकिन इसका मुख्य आरोपी पीयूष चौपड़ा को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस ने यह आशंका जाहिर की है की पीयूष चौपड़ा विदेश भागने की फिराक में है।
श्री नायक ने कहा कि जो चीजे सटोरियों के पास से बरामद हुई हैं उसमें 41 मोबाईल, 19 लेपटॉप, 1 आईपेड, 5 मैकमिनी सहित अन्य चीजे जब्त हुई है। कोई भी सटटा जब बडे स्तर पर होता है तो नगद राशि के स्थान की तुलना में ऑनलाईन ट्रांजेक्शन उससे हजार गुना ज्यादा होता है। यूपीआई के तहत ऑनलाईन भुगतान होता है, जिसकी पूरी जानकारी आरबीआई के पास उपलब्ध होती है, पुलिस इस मामले में पूरे सूत्रों को जुटाये और सार्वजनिक करे। सैकड़ों हजारों करोड़ का ऑनलाईन ट्रांजेक्शन हो रहा है, वर्तमान में ट्वंटी-ट्वंटी के वर्ल्डकप चल रहे हैं। आज हर जिले, ब्लाकों में सट्टों की बुकिंग हो रही है और इसका मुख्य केंद्र दुबई और लंदन में जो सट्टा चलता है, वह वैलेड हैं, इसके कारण वहां खुलेआम इसके कई स्थानों पर कार्यालय खुले हुये हैं। भारत सहित अन्य देशों से क्रिकेट का सट्टा होता है, उसकी पूरी बुकिंग इन दो केंद्रों पर जाती है दुबई और लंदन।
श्री नायक ने कहा कि हम यह जानना चाहते हैं कि हजारों करोड़ का सट्टा क्रिकेट का हो रहा है इसके ऑनलाईन भुगतान की क्या जानकारी है, इसको सार्वजनिक किया जाना चाहिए। यह बात धीरे-धीरे चर्चा में आई है कि सट्टा का प्रमुख केंद्र मप्र में इंदौर है, चूंकि इंदौर मप्र की आर्थिक राजधानी है। इंदौर से यह टांजेक्शन लंदन और दुबई में होते हैं, इंदौर पुलिस को इस मामले में संज्ञान क्यों नहीं है। इसके पीछे आशंका जाहिर होती है कि यह सट्टा का कारनामा मिली भगत से चल रहा हैं। अगर मिले हुये न होते तो हजारों करोड़ का सट्टा और यह हमारे देश का पैसा बाहर क्यों जाता?
श्री नायक ने कहा कि इसके अलावा जबलपुर, सागर, ग्वालियर यहां से बहुत बड़े पैमाने पर सट्टा और क्रिकेट का सट्टा दोनों होता है। आप यदि मोबाईल उठायें तो उसमें देखें कि मटका सट्टा के नाम से यह बेवसाईट खुलेआम चल रही और इन बेवसाईटों पर चार-चार बार नंबर आते हैं ओपन और क्लोज, राजधानी सट्टा सहित अनेक नामों से यह सट्टा बाजार चल रहा है। मट्का सट्टा टाईप करें तो पूरी बेवसाईट सामने आ जायेगी, सबसे बड़ी बात है कि जो लोग सट्टा खिला रहे हैं, उन्हें क्यों नहीं पकड़ा जा रहा है। उज्जैन में जो सट्टा चलाने वाला पीयूष चौपड़ा है वह बिल्डर है, यह जानकारी मिली है कि इसके भाजपा के नेताओं से अच्छे संबंध है, वह जानकारी पुलिस को सार्वजनिक करना चाहिए।
श्री नायक ने कहा कि बिना सरंक्षण के उक्त आरोपी अनेक वर्षों से कैसे इतने बड़े आर्थिक अपराध का साम्राज्य बना सकता है। इतना ही नहीं 11 बोरों में नगद राशि रखी हुई थी, आचार संहिता के बावजूद इतनी बड़ी राशि का आवागमन कैसे और किसके संरक्षण में हो रहा था? यह गंभीर विषय है। हम सरकार से मांग करते हैं कि पीयूष चौपड़ा का पासपोर्ट जप्त किया जाये, नोटिफिकेशन जारी करें, उसे गिरफ्तार करें। इन सटोरियों के तार कहां-कहां जुड़े हैं इसकी जानकारी एकत्रित की जाये। चूंकि यह मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री के क्षेत्र का है इसलिए मुख्यमंत्री जी को इस पर जबाव देना चाहिए।

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