सीबीआई की तरफ से देश में 14 ठिकानों पर छापेमारी की गई है। ये छापेमारी छत्तीसगढ़ में मौजूद एसकेएस पॉवर जनरेशन के खिलाफ 5717 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी को लेकर एफआईआर दर्ज करने के बाद की गई है। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज एफआईआर के आधार पर सीबीआई ने आरोप लगाया है कि एसकेएस इस्पात एंड पावर लिमिटेड (एसकेएसआईपीएल) की तरफ से प्रवर्तित कंपनी ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एलएंडटी इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड, पीटीसी इंडिया फाइनेंस लिमिटेड और स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर से 6,170 करोड़ रुपये का ऋण लिया था, जिसके परिणामस्वरूप 5717 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया।
मामले में इन लोगों पर दर्ज किया गया केस
सीबीआई ने इस मामले में एसकेएस पावर जनरेशन लिमिटेड के निदेशक अनिल महाबीर गुप्ता, एसकेएस इस्पात एंड पावर लिमिटेड मुंबई के निदेशक अनीस अनिल गुप्ता और भारतीय स्टेट बैंक के दो अधिकारियों पर केस दर्ज किया है। एफआईआर के मुताबिक वित्तीय संस्थानों ने डिफॉल्ट ऋण की नीलामी की, जिसका भुगतान एनटविकेलन इंडिया एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में 2,000 करोड़ रुपये में हुआ था। अधिकारियों के मुताबिक यह पाया गया कि एन्टविकेलन इंडिया एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, एसकेएस पावर जनरेशन लिमिटेड के एक समान पते पर पंजीकृत है। और साल 2019 में दोनों कंपनियों का विलय हुआ था, जो कथित तौर पर अनधिकृत कार्यों का संकेत देता है।
कई जगहों पर भेजे गए थे लोन के पैसे
वहीं एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि एक साजिश के तहत, आरोपियों ने खुद को समृद्ध बनाने के लिए गलत इरादे से फर्जी कंपनियों का उपयोग करके फर्जी शेयर लेनदेन के माध्यम से बैंक फंड को जानबूझकर इधर-उधर और राउंड-ट्रिप किया। एफआईआर में ये भी आरोप लगाया गया है कि फर्जी कंपनियों के माध्यम से ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स और बरमूडा के ब्रिटिश ओवरसीज टेरिटरीज में लोन के पैसे भेजे गए थे। इस मामले में कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने मुंबई, कोलकाता, रायपुर, भुवनेश्वर, त्रिची में छापेमारी की, और इस छापेमारी में कई दस्तावेज और सामान जब्त किए गए हैं।