नई दिल्ली। कानून मंत्रालय विधायी विभाग के 100 दिनों के एजेंडे के तहत एक देश, एक चुनाव पर गठित कोविन्द समिति की रिपोर्ट जल्द-से-जल्द कैबिनेट के समक्ष रखने की योजना बना रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनावों से पहले सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को अगली सरकार के लिए 100 दिवसीय एजेंडा तैयार करने का निर्देश दिया था।एक देश, एक चुनाव पर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने 15 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसमें पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने और उसके बाद 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराने की सिफारिश की गई।
संसाधनों की बचत होगी: रिपोर्ट
कोविन्द समिति ने अपनी सिफारिशों को लागू करने पर विचार के लिए एक ‘कार्यान्वयन समूह’ स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा था। समिति ने कहा था कि एक साथ चुनाव कराने से संसाधनों की बचत होगी तथा विकास और सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा मिलेगा। इससे लोकतांत्रिक ढांचे की नींव मजबूत होगी और देश की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिलेगी।
एक समान मतदाता सूची तैयार करने की सिफारिश
इसने राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा एक समान मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करने की भी सिफारिश की है। वर्तमान में केंद्रीय चुनाव आयोग लोकसभा और विधानसभा चुनाव करवाता है, जबकि नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनावों का प्रबंधन राज्य चुनाव आयोगों द्वारा किया जाता है।