वाशिंगटन: चीन पर एकछत्र राज करने वाली कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) गले तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। सीसीपी के महासचिव, पोलित ब्यूरो के सदस्य, क्षेत्रीय पार्टी अधिकारी समेत इसका पूर्व नेतृत्व जबर्दस्त तरीके से भ्रष्टाचार कर रहा है। सीसीपी नेतृत्व दुनिया के सामने समाजवादी बयान करता है लेकिन इसके नेताओं ने इतनी दौलत इकठ्ठा की है जितनी तानाशाह भी नहीं करते हैं। अमेरिका की कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (CRS) की एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की संपत्ति और भ्रष्टाचार के बारे में सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का अध्ययन किया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सीसीपी नेतृत्व ने किस तरह चीनी लोगों के सामने अपने नाममात्र वेतन का दिखावा करते हुए अकूत संपत्ति जमा की है।
सीसीपी का भ्रष्टाचार दुनिया के सामने
सीआरएस की रिपोर्ट दुनिया भर के लोगों के लिए सीसीपी में भ्रष्टाचार को सामने लाती है। रिपोर्ट में वरिष्ठ सीसीपी अधिकारियों जैसे शी जिनपिंग और उनके परिवर के साथ ही वेन जियाबाओ जैसे पूर्व वरिष्ठ सीसीपी दिग्गजों के बारे में भी खुलासा किया गया है। इसमें सीसीपी की तरफ से पैदा की गई परेशानियों का भी जिक्र किया गया है जो उनके खिलाफ रिपोर्ट लिखने वाले पत्रकारों के साथ किया गया है। सीसीपी नेतृत्व अपने खिलाफ किसी भी आलोचना को रोकने के लिए कठोर तरीका अपनाता है। शी जिनपिंग की संपत्ति की ब्लूमबर्ग न्यूज जांच का नेतृत्व करने वाले माइकल फोर्सिथ और उनके परिवार को मौत की धमकियां दी गई थीं। ब्लूमबर्ग की साइट को चीन के अंदर ब्लॉक कर दिया गया था।
चीनी लोग जानकर रह जाएंगे हैरान
रिपोर्ट के सामने आने के बाद, सवाल उठता है कि दुनिया के लोग इस जानकारी का क्या करेंगे। इसका जवाब है कि क्वाड के सदस्य या फिर अलग-अलग समूह दुनिया भर के देशों को सीसीपी की संपत्ति के स्रोतों और स्थान की पहचान करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। यह निश्चित है कि इस जांच में ये सामने आ जाएगा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अरबपति हैं, जिनके पास न्यूयॉर्क, स्विटजरलैंड, दुबई, लंदन और पेरिस जैसी जगहों पर बेशुमार संपत्ति है। ये खुलासा चीनी लोगों के लिए आंख खोलने वाला होगा कि किस तरह से समाजवाद के नाम पर उन्हें छला जा रहा है और सीसीपी के नेता खुद अमीर बनते जा रहे हैं। सीआरएस की रिपोर्ट सीसीपी का कार्रगुजारियों का दुनिया के सामने लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस बात का हिसाब किताब करने में मदद मिलेगी कि शी और उनके परिवार और पार्टी के दूसरे नेताओं के पास विदेशी बैंकों और अन्य परिसंपत्तियों में कितने अरबों की दौलत जमा कर रखी है।