मंगलाचरण से होता है प्राणीं का विकास:पं०सुशील महाराज

श्री शिव शक्ति धाम सिद्धाश्रम निपानियां जाट बैरसिया रोड भोपाल में आज दिनांक -8-6-2024 को प्रातः यज्ञशाला में कलश स्थापन के बाद देवी-देवताओं का आव्हान किया गया। पं0सुशील महाराज ने यजमानों से मंगलाचरण करवाया।तथा यजमानों को बताया कि जो ब्यक्ति प्रातः काल उठकर मंगलाचरण का स्मरण करता है।उस ब्यक्ति का विकास सुनिश्चित होता है।यदि कोई व्यक्ति सुबह उठकर श्री गणेश भगवान के मंगल आचरण का स्मरण करता है।उस दिन उस ब्यक्ति के ऊपर गणेश भगवान की कृपा के साथ -साथ रिद्धि-सिद्धि की कृपा प्राप्त होती है।जो ब्यक्ति प्रातः काल उठकर प्रभू श्रीराम के मंगल आचरण का स्मरण करता है।उस दिन वह ब्यक्ति मर्यादा के बंधन में बंधकर कर्म करता है। और सुखमय दिन व्यतीत करता है। और अगर ब्यक्ति श्री हनुमान जी के मंगल आचरण का स्मरण करके दिनचर्या का शुभारंभ करता है।तो वह निर्भय होकर दिन व्यतीत करता है।और आसुरी पृबत्ति के लोग उस ब्यक्ति से दूरी बनाकर रहते हैं।इसी प्रकार यदि कोई ब्यक्ति कामी पुरुष के आचरण का स्मरण करके दिनचर्या का शुभारंभ करता है तो उस दिन वह ब्यक्ति कामुकता की लालसा में भटकता रहता है।यदि ब्यक्ति संसारिक लोगों के आचरण का स्मरण करके दिनचर्या की शुरुआत करता है।तो वह ब्यक्ति दिन भर संसारिक मोह-माया में फंसा रहता है।कहने का तात्पर्य यह है कि यदि मनुष्य प्रातः काल उठकर अमंगल कारी आचरण का स्मरण करके दिनचर्या की शुरुआत करता है।तो उस उस ब्यक्ति का चहुंदिस अमंगल होता है।और यदि ब्यक्ति मंगल आचरण धारी के आचरण का स्मरण करके दिनचर्या की शुरुआत करता है।तो उस दिन उस ब्यक्ति का चहुंदिस मंगल ही मंगल होता है। मंगलाचरण से प्राणी का चहुंमुखी विकास होता है। मंगलाचरण के उपरांत पं0सुशील महाराज ने त्रिकोणी वेदी पर देवी हवन महायज्ञ का शुभारंभ करते हुए यजमानों से आहुतियां डलवाईं।इस प्रकार से प्रथम दिवस का देवी हवन यज्ञ संपन्न हुआ।

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