नई दिल्ली:2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने प्रदर्शन में काफी सुधार किया है, हालांकि मंगलवार को आए नतीजों में सीटों की संख्या का शतक लगाने से वो चूक गई. कांग्रेस के 99 सांसद इस बार चुनकर लोकसभा पहुंचे हैं. लेकिन अब पार्टी ने अपने खाते में एक और सांसद जोड़ लिया है. दरअसल महाराष्ट्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल करने वाले कांग्रेस के बागी विशाल पाटिल ने गुरुवार को पार्टी को समर्थन दे दिया.नवनिर्वाचित सांसद विशाल पाटिल ने नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की और पार्टी को अपना समर्थन पत्र सौंपा.एक्स पर एक पोस्ट में, कांग्रेस प्रमुख खरगे ने कहा, “महाराष्ट्र की जनता ने विश्वासघात, अहंकार और विभाजन की राजनीति को हराया है. ये छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर जैसे हमारे प्रेरक दिग्गजों के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने सामाजिक न्याय, समानता और स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी. सांगली से निर्वाचित सांसद विशाल पाटिल के कांग्रेस पार्टी को समर्थन का स्वागत करते हैं. संविधान अमर रहे!”कांग्रेस विधायक विश्वजीत कदम ने पार्टी के भीतर विशाल पाटिल के लिए लड़ाई लड़ी थी, उनके साथ दिल्ली पहुंचे विश्वजीत कदम ने कहा, “अगर लोकसभा सचिवालय अपनी मंजूरी दे देता है, तो विशाल पाटिल को कांग्रेस का सहयोगी सांसद कहा जाएगा और कांग्रेस की ताकत 100 तक बढ़ जाएगी.”महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल के पोते, विशाल पाटिल ने बीजेपी के संजय काका पाटिल को हराकर सांगली सीट से लोकसभा चुनाव जीता है. महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) में सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे के दौरान सांगली संसदीय सीट शिवसेना-यूबीटी को दे दी गई थी. इसके बाद उन्होंने विद्रोह कर दिया था और निर्दलीय चुनाव लड़ा था.
सीटों के समझौते से पहले ही अपने उम्मीदवार की घोषणा करने के उद्धव ठाकरे गुट के कदम से महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन में कुछ मतभेद भी पैदा हो गया था. कांग्रेस ने बार-बार शिवसेना से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी.
पप्पू यादव के भी कांग्रेस को समर्थन करने की उम्मीद
बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल करने वाले एक अन्य नेता पप्पू यादव के भी कांग्रेस का समर्थन करने की उम्मीद है. चुनाव से पहले उन्होंने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था. हालांकि महाराष्ट्र की तरह ही बिहार में भी विपक्षी पार्टियों के बीच सीट समझौते में पूर्णिया सीट आरजेडी के हिस्से में चली गई थी, इसके बाद पप्पू यादव ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा.