नई दिल्लीनेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 4 जून को नीट परीक्षा (NEET 2024) परिणामों की घोषणा की है. इस साल नीट यूजी (NEET UG 2024) में 67 उम्मीदवारों ने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की है. इस साल 13 लाख से अधिक बच्चों ने नीट परीक्षा पास की है. जब से नीट यूजी रिजल्ट 2024 जारी किए गए हैं, तब से बवाल मचा हुआ है. सोशल मीडिया पर लोग यह सवाल कर रहे हैं आखिर एनटीए उम्मीदवारों को 718, 719 नंबर भला कैसे दे सकते हैं. एनटीए ने कितने उम्मीदवारों को 720 अंकों में 718, 719 अंक दिए हैं और इसका फॉर्मूला क्या है. नीट यूजी 2024 मार्किंग स्कीम की बात करें तो नीट परीक्षा में प्रत्येक सही उत्तर पर चार अंक जबकि गलत उत्तर देने पर एक अंक काट लिए जाते हैं, वहीं अनुत्तरित प्रश्नों के लिए न तो अंक दिए जाते हैं ना ही काटे जाते हैं. सभी जवाब सही करने वाले उम्मीदवार को 720 में 720 अंक मिलते हैं. अगर कोई उम्मीदवार एक सवाल छोड़ता है तो उसे 716 अंक जबकि एक सवाल का गलत जवाब करता है तो उसे 715 अंक मिलने चाहिए. ऐसे में एनटीए ने उम्मीदवारों को 718 और 719 अंक भला कैसे दे दिया. सोशल मीडिया पर लोगों के उठाए सवालों को देखते हुए एनटीए ने बताया कि नीट यूजी परीक्षा के दौरान कुछ बच्चों का समय बर्बाद हुआ था. कुछ परीक्षा केंद्रों पर 20 मिनट और इससे ज्यादा देरी से पेपर दिए गए, जिसके चलते छात्र अपना पूरा पेपर नहीं कर सकें और इसकी शिकायत उन्होंने एनटीए से की थी. एनटीए ने अपनी सफाई में कहा कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और छत्तीसगढ़ परीक्षा केंद्रों पर छात्रों के समय की बर्बादी हुई है, ऐसे में छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. एनटीए ने कहा कि परीक्षा समय की हानि का पता लगाया गया और ऐसे उम्मीदवारों को उनकी उत्तर देने की क्षमता और खोए हुए समय के आधार पर अंकों के साथ मुआवजा दिया गया, इसलिए उम्मीदवार के अंक 718 या 719 भी हो सकते हैं. एनटीए ने 1,563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए गए और ऐसे उम्मीदवारों के संशोधित अंक -20 से 720 अंकों तक भिन्न हैं. वहीं कंपनसेटरी अंकों के कारण दो उम्मीदवारों को परीक्षा में क्रमशः 718 और 719 अंक दिए गए हैं.