मध्य और दक्षिणी गाजा में हवाई हमलों और गोलाबारी से मंगलवार को लगभग 19 लोगों की मौत हो गई है। करीब आठ महीनों से जारी लड़ाई को बंद करने की अंतरराष्ट्रीय अपील के बाद इस्राइल ने हमले और तेज कर दिए हैं। फिलिस्तीनी अधिकारियों के मुताबिक अल- बुरीज और अल-मगाजी शरणार्थी शिविरों और मध्य गाजा के दीर-अल-बलाह शहर पर इस्राइली हमलों में 17 लोग मारे गए। वहीं रफा में मानवीय मदद पहुंचा रहे 2 पुलिसकर्मी भी हमले में मारे गए।
स्लोवेनिया फलस्तीन को देश के तौर पर मान्यता देने वाला नया यूरोपीय देश बन गया है। इसके पहले स्पेन, आयरलैंड और नार्वे फलस्तीन को मान्यता दे चुके हैं। स्लोवेनिया के ऐसा करने का मकसद इस्राइल के युद्ध बंद करने के लिए दबाव बनाना है। पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के गाजा में हमला करने के बाद से इस्राइल ने आक्रामक रुख अपना रखा है।
‘जब तक इस्राइल की सेना वापस नहीं जाती सीजफायर नहीं रुकेगा’
मंगलवार को हमास ने बयान देते हुए कहा कि जब इस्राइल स्पष्ट रूप से युद्ध विराम का वादा नहीं करता और अपनी सेनाओं को वापस नहीं ले जाता, तब लड़ाई नहीं रुकेगी। हमास का बयान तब आया है, जब कतर ने भी यहूदी देश से समझौता करने को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है। अमेरिका और मिस्त्र के साथ ही कतर भी हमास और इस्राइल के बीच मध्यस्था करने वाला देश है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने 6 हफ्ते के लिए युद्ध विराम का दिया था प्रस्ताव
पिछले हफ्ते, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने तीन चरणों का एक प्रस्ताव दिया था, जिसमें कहा गया था इस्राइली सेना 6 हफ्ते के लिए आबादी वाली जगह से हट जाएगी साथ सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों के बदले बंधकों को भी छोड़ा जाएगा। इसके साथ ही अमेरिका की रिपब्लिक सरकार ने अंतराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय(ICC) पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक पास किया। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में अभियोजन ने गाजा में सक्रिय इस्राइली सेना के अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग की गई थी।