केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को जम्मू कश्मीर में पहले सिफारिश की पर्ची से नौकरी मिल जाती थी, लेकिन अब योग्यता के आधार पर सेवा का अवसर मिल रहा है। गुरुवार को जम्मू में वर्चुअल मोड से एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृहमंत्री ने ये बातें कहीं।
कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने जम्मू में ई बसों को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। साथ ही जम्मू कश्मीर संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के 2024 बैच के सफल 209 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए। इनमें जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा के 96 अधिकारी, अकाउंट गैजेट सेवा के 63 अधिकारी और पुलिस सेवा के 50 अधिकारी शामिल हैं। वहीं, अनुकंपा के आधार पर 885 पात्रों को नियुक्ति पत्र दिए गए।
इस अवसर पर जम्मू कन्वेंशन सेंटर में कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, जम्मू-पुंछ सांसद जुगल किशोर शर्मा, राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना उपस्थित रहे। इसके अलावा दिल्ली से संयुक्त सचिव भी जम्मू पहुंचे।
गृहमंत्री ने नौकरी पाने वाले सभी युवाओं को जम्मू कश्मीर की सेवा करने के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा जिस तरह अनुकंपा नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं इससे उम्मीद जगी है कि जल्द ही प्रदेश में अनुकंपा की सभी बैकलॉग को समाप्त कर दिया जाएगा।
साथ ही गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 पर बोलते हुए कहा कि इसके चलते जम्मू कश्मीर में कई नेताओं ने लोकतंत्र का मजाक उड़ाया। उन्होंने अपने परिवार को ही लोकतंत्र समझ लिया। उन्होंने कहा कि 370 के हटने के बाद प्रदेश में 70 प्रतिशत आतंकवादी घटनाओं पर रोक लगी है। नागरिक मृत्यु में 81 प्रतिशत की कमी आई है। साथ ही सैनिक मृत्यू में 48 प्रतिशत की कमी आई है।
संगठित पत्थरबाजी और हड़तालों की संख्या शून्य पहुंच गई है। आतंकी इकोसिस्टम पर नकेल कसी जा रही है। आतंकी संगठनों से जुड़ी पार्टियों को बैन किया गया है। और आतंकवाद से जुड़े लोगों को संपत्ति जब्त की जा रही है।