अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि 500 साल के संघर्ष के बाद यह समय आया है। दो हजार साल पहले सम्राट विक्रमादित्य ने अयोध्या में मंदिर बनाया था। आक्रांताओं ने उसे ध्वस्त कर दिया था। हिंदू समाज ने इस बात को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात की पुष्टि की कि यहां मंदिर था और हिंदुओं को इसका हक मिलना चाहिए। उन्होंने एक जगह यह भी कहा था कि इसे अखंड भारत के पहले कदम के तौर पर देखा जाना चाहिए।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी जारी कर कहा है कि भारत में हिंदुत्व विचारधारा का उभार धार्मिक सद्भाव और क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा पैदा कर रहा है। भारत के दो प्रमुख राज्यों उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने ऑन रिकॉर्ड कहा है कि बाबरी मस्जिद का विध्वंस या राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा पाकिस्तान के हिस्सों पर फिर से कब्जा करने की ओर पहला कदम है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस तथाकथित
इस्लामोफोबिया, हेट स्पीच और हेट क्राइम का संज्ञान लेना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य संबंधित अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भारत में इस्लामिक हेरिटेज साइट्स को कट्टरपंथी समूहों से बचाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए। भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर बात करना चाहिए। पाकिस्तान ने भारत सरकार से भी मुस्लिमों और उनके पवित्र स्थलों के साथ ही धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और संरक्षा को सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
कांग्रेस की सीएम को हिदायत
कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान पर पाकिस्तान की टिप्पणी आना दुखद है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को समझना चाहिए कि वह यूएन के महासचिव नहीं हैं, उन्हें अपनी सीमा में रहकर बयान देना चाहिए। मध्य प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर बात करना चाहिए। गुंडे सरेराह
अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की हत्या कर रहे हैं। उस पर उनका ध्यान नहीं है। अखंड भारत की जो बात उन्होंने कही है तो अखंड भारत है ही। उसकी संप्रभुता पर कोई सवाल ही नहीं उठता है। पाकिस्तान का यह कहना भी अनुचित है कि हिंदुस्तान में अल्पसंख्यक असुरक्षित है। हिंदुस्तान के अल्पसंख्यक खुद कहते हैं कि जितना सुरक्षित वे भारत में हैं, उतने कहीं और नहीं हो सकते। पाकिस्तान हमारे अंदरुनी मामलों में दखल न दें।
यह बोले डॉ. मोहन यादव
डॉ. मोहन यादव ने खनन मंत्रियों के सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान लाख आपत्ति जताएं, हम सब जानते हैं कि सिंध से विस्थापित होकर लोग यहां आए। उससे पहले अखंड भारत ही रहा है। ननकाना साहिब सहित अखंड भारत के जो हिस्से रहे हैं, उन्हें लेकर हमारी भावनाएं कायम है। राष्ट्रगान में जब हम यह बोलते हैं कि पंजाब सिंध गुजरात मराठा, तो वह हमारे अखंड भारत का हिस्सा रहे हैं। स्वाभाविक रूप से अयोध्या में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा हुई है। एक तरह से हमारा सांस्कृतिक अखंड भारत का सपना हजारों साल से रहा है। किसी की आपत्ति करने से वह बात खत्म नहीं हो जाएगी। वह तो अपनी जगह स्थायी रहेगी।