देश में चल रहे राजनैतिक घटना क्रम को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि आने वाले वक्त में प्रदेश एवं देश में होने वाले विधानसभा 2023 और लोक सभा 2024 के चुनाव बहुत ही असमंजस के साथ होने वाले है क्योंकि अभी तक राजनीति की जो तस्वीर दिखाई दे रही है I
वह खतरो से खाली नहीं है भारत के दोनों प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस पार्टी एक दूसरे पर हावी होती दिख रही है जहां एनडीए और नया गठबंधन इंडिया अपनी-अपनी मजबूती को लेकर आगे बढ़ रही है वही आम आदमी दोनों की और जैसे चांद को चकोर देखता है वैसे ही देख रहा है
आम आदमी की कहीं कोई भी भूमिका नज़र नहीं आती है सिर्फ नाम होता है तभी सभी राजनीतिक दलों को उनकी याद चुनाव जीतने के लिए याद आती है और चुनावी रेवडिया बांटने की घोषणा की जाती है जबकि देश में वर्तमान में महंगाई बेरोजगारी और कई समस्याएं विद्यमान है आम आदमी का ध्यान भटकाने के लिए रोज नए जुमले राजनीतिक पार्टियां अपना रही है राष्ट्र की चिंता यदि इतनी होती तो राजनीतिक दल आज 75 साल बाद भी अपनी छवि नहीं बना पाए हैं ऐसा इसलिए है कि उन्हे सत्ता हासिल करने के लिए चिंता सताने लगती है
देश में समस्याएं तो बहुत है लेकिन उन् पर ध्यान तभी दिया जाता है जब वह शरीर पर उभरे हुए फोड़ें की तरह सामने आती हैं तब तक बहुत देर हो जाती है क्योंकि फिर उसका इलाज होना नामुमकिन हो जाता है अब देखना ये है कि ऐसा कोन सा जादू है जो आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में किस पार्टी को सत्ता हासिल दिलाती है ?