फ़र्ज़ी कोयला संकट ताकि अडानी की आस्ट्रेलियाई कंपनी से कोयला आयात हो सके ! देश में 2014 से 21 तक कितनी महंगाई बढ़ी जाने …

इकलहरा खदान के कोयला भंडार में, डेढ़ महीने से आग लगी है, 25% कोयला जल चुका है, यूनियन एक्शन लेने के लिए आंदोलन कर रही हैँ और वेस्टर्न कोल फिल्ड लिमिटेड के महाप्रबंधक कह रहें हैं कि “सब ठीक है!”

बाड़मेर : सोनडी व गिरल में लगातार कोयला उत्पादन हो रहा है. ठेकेदार 2200 का ख़रीद के राजस्थान से गुजरात में ले जाकर बेच रहे हैँ.

अब भी आप विश्वास करते हैँ कि देश में कोयले की कमी है ?

दरअसल ये सारे कांड मोदी सरकार की सहमति से कराये जा रहें हैँ! ताकि जनता को बताया जा सके कि देश में कोयले की कमी है, इस लिए विदेशों से आयात हो सके!

एक तरफ कोल इंडिया (CIL) को प्राइवेटाइज करने का बहाना मिलेगा दूसरी तरफ प्राइवेट खनिको को खनन करने के लिए सारे नियमों की ऐसी तैसी करने की खुली छूट मिलेगी!

इसके साथ अडानी की आस्ट्रेलिया वाली खदान का कोयला आएगा.

कमी है तो रेट बढ़ गए, इस लिए बिजली के रेट बढ़ेंगे; डीजल, पेट्रोल, रेल, एयर टिकट और, LPG गैस के बाद अगला नंबर बिजली का है! तैयार रहिये…

और हाँ.. सूत्रों की खबर है कि इसके साथ ही बिजली प्री-पेड की जाएगी!

अर्थात गरीब आदमी अब कुछ दिन बाद बिल जमा कर पाए तो तब तक अँधेरे में रहें….नये भारत में आपका स्वागत है…

अच्छे दिन बस बाहर चौराहे पे खड़े हैँ.. कटोरा लेके जाओ..और ले आओ..!

2014-2015 में खरीदी गई ऑस्ट्रेलियाई खानों वाला अडाणी का कोयला तो बिकने के लिए कब से तैयार पड़ा था ! ! !

सिर्फ मोदी सरकार की घोषणा बाकी थी कि देश का कोयला खत्म हो गया है !

जनता की आवाज़, सिर्फ पेट्रोल-डीजल ही महंगा नहीं हुआ


2014 के पहले:-
सीमेंट की कीमत 195 रुपये थी
अब 410 रुपए
स्टील की कीमत 3600 रुपये थी,
अब 6500 रुपए
रेत की 1500 रुपए की ट्राली,
आज 6000 रुपए में
मोटरसाइकिल की कीमत 50,000 रुपये थी।
अब 90,000 रु.
मेडिक्लेम बीमा 1049 रुपये प्रति 1 लाख था,
अब रु.4100
डिश रीचार्ज 110 रुपए था,
अब 450 रुपए
350 रुपये का था गैस सिलेंडर,
अब 982 रु
गैस सब्सिडी 250 रुपये थी,
अब 0 जीरो
यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए अधिकतम 100 रुपये,
अब रु.10000
60 साल में अकेले देश का था 55000 करोड़ का कर्ज,
अब 1 लाख 8000 करोड़ है
ड्राईविंग लाईसेन्स 250 मे बनता था
अब 5500 मे बनता है।
घरेलू असलहा का रिन्यूल 1000 में होता था
अब 6000 में होता है
40 करोड़ गरीबी रेखा मे थे,
अब 80 करोड़ आबादी गरीबी रेखा के नीचे जा चुके हैं
रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट 5 रुपये,
अब प्लेटफार्म टिकट50 रु
मिट्टी का तेल 20 रुपये प्रति लीटर,
अब 60 रुपए प्रति लीटर और मिलना भी बन्द हो गया है

मोबाइल इनकमिंग फ्री था
अब इनकमिंग जारी रखने के लिए 79 रूपये प्रतिमाह देना पड़ता है

ATM से पैसे निकालने का चार्ज Rs.0 था
अब 3 बार से ज्यादा निकालने पर हर बार 105 रुपये

देश पर 2.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था।
अब 25 लाख करोड़

सकल घरेलू उत्पाद प्लस 11% था
अब माइनस 24%

बेरोजगारी दर 2% थी,
अब 22% से भी ज्यादा है

7 साल बीत चुके हैं, निम्नलिखित से क्या हुआ, कितना हुआ??

1) कोई बड़ा अस्पताल नहीं बनाया गया।
2) न राबर्ट वाड्रा को जेल भेजा गया।
3) न ही हम विश्वगुरु बन पाये।
4) न 15 लाख प्राप्त हुए।
5) कोई काला धन वापस नहीं आया।
6) न दाऊद, नीरव मोदी, मेहूल चौकसी और विजय माल्या या किसी एक बैंक भगौड़े को पकड़ कर भारत वापस लाया गया।
7) 7 साल मे नए रोजगार बढ़ने के बजाय रोजगार घटे ।
😎 न गंगा मईया स्वच्छ हो पाई।
9) महिलाओं पर हो रहे अत्याचार नहीं रुके।
10) कोई स्मार्ट सिटी नहीं मिला।
11) कोई बुलेट ट्रेन नहीं चली।
12) कोई आतंकवादी गतिविधि या घटना नहीं रुकी
13) कोई मुद्रास्फीति कम नहीं हुई।
14) कोई पेट्रोल-डीजल सस्ता नहीं हुआ।
15) किसी किसान को सही कीमत नहीं मिली।
16) न कोई कश्मीरी पंडित घर नहीं लौटा
17) अब स्टार्टअप इंडिया का कोई अता पता नहीं।
18) न ही मेक इन इंडिया का।
19) और नही स्किल इंडिया का।
20) और नाही डिजिटल इंडिया।
21) कोई अच्छे दिन नहीं आए।
22) साहब की लाल आँखो से न चीन घबराया और न पाकिस्तान l

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