पर्यटन स्थल भेड़ाघाट जरा सी लापरवाही की ओर चली गई जान 5 सालों मैं करीब 90 लोगों की हो चुकी है मौत…

जबलपुर-झमाझमा बारिश हो और इस बार इसके बच्चा लोग पिकनिक का लुत्फ भी खूब उठाते है पर इसी आनंद के बीच जरा सी लापरवाही से लोगों की जान भी चली जाती है। जबलपुर का विश्व प्रसिद्ध पर पर्यटन स्थल भेड़ाघाट जो कि बसा है नर्मदा तट पर। भेड़ाघाट का धुआंधार देखने में जितना सुंदर है, उतना ही खतरनाक भी है। इस पर्यटन स्थल में हर साल 25 से 27 लोगों की जान जाती है। किसी का सेल्फी लेते समय पैर फिसल जाता है तो कोई लापरवाही के कारण अपनी जान गवा देता है। कई लोगों के लिए तो यहां स्थल सुसाइड पाॅंंइंट बन गया है। कला की सुरक्षा के नजरिए से यहां पर नगर पंचायत के अमला और पुलिस बल तैनात जरूर रहता है, बावजूद इसके घटनाएं होती रहती हैं। भेड़ाघाट पर्यटन स्थल जहां कार्य की साल भर देश के कोने-कोने से धुआंधार जल प्रपात को देखने लोग आते हैं। एक अखाड़ों के मुताबिक ठंड और गर्मी के दिनों में यहां पर रोजाना 5 से लेकर 700 शो तक लोग घूमने आते हैं। जबकि बारिश मैं यहां संख्या थोड़ा कम हो जाती है।

धुआंधार देखने में जितना सुंदर है उतना ही खतरनाक भी है, क्योंकि जरा सी लापरवाही शेरों की पानी में ढकेल देती है, और फिर बहुत ही कम ऐसा होता है जब व्यक्ति की जान बची जान हो। नगर पंचायत और पुलिस का अमला हर समय भले ही मौजूद रहता हूं बावजूद इसके लोग जान जोखिम मैं डाल कर या तो सेल्फी देते हैं यहां के हु इस खतरे के स्थल पर चले जाते हैं जहां पर कि जान जा सकती है। बारिश के समय बरगी बांध के गेट खुलते ही नर्मदा क का रूप और भी रौद्र हो जाता है ।इस नजरें को देखने के लिए पर्यटक भी पहुंचते हैं।

दैनिक भास्कर की टीम ने भी बारिश के समय धुआंधार के बने हालत और वहां आप लोगों की हरकतें जानने की कोशिश की। हमने अपने कैमरे में वह तस्वीरें कैद की जो कि जोखिम भरी थी। तेज बहाव से बता नर्मदा का पानी और इसी पानी के बीच लोग अठखेलियां करते हुए नजर आए। पानी के आसपास धूम अगर लोगों से हमने बातचीत भी की पर उनका कहना होता है कि हम समझदार हैं हमें कुछ नहीं होगा। भेड़ाघाट थाने में पदस्थ हैंड कॉन्स्टेबल हरि ओम वैश्य बीते आठ सालों से दुआ धार में तैनात हैं। किसी भी तरह की घटना होते ही यहां अटल हो जाते हैं और अपनी गोताखोरों की टीम के साथ पानी में डूब रहे लोगों को बचाते हैं। जो काम गहरे पानी में होते हैं उनकी जान तो बच जाती है, पर जो सैकड़ों ठीक नीचे चले जाते हैं, उनका बचना मुश्किल होता है। हैंड कॉन्स्टेबल हरि ओम ने दैनिक भास्कर को बताया कि यहां हादसे तो होते रहते हैं,

हम लोग जाओ उसको बचाना मुश्किल हो जाता है, इसके अलावा धुआंधार कुछ सालों से सुसाइड पाॅंंइंट भी बन गया है, जहां पर कि लोग आत्महत्या करने के लिए भी आते हैं । राखी हमारी कोशिश रहती है कि हम किसी को जान गवाने ना दें।

News Reporter Raju Markam 9301309374

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