देश सेवा में लगे सैनिकों की कलाई सूनी न रहे, इसको लेकर शहर की बेटी ममता सांगते पिछले 19 सालों से हजारों सैनिक भाइयों के लिए राखी भेज रही हैं। इस साल वे जैसलमेर बॉर्डर पर रक्षासूत्र बांधने जाएंगी।
उज्जैन की ममता हर साल सैनिकों को राखी भेजती हैं और सीमा पर जाकर उन्हें बांधती भी हैं।
देश की सीमा पर तैनात जवान त्योहारों पर अपने परिवार से दूर रहते हैं। रक्षाबंधन के पर्व पर वह अपनी बहनों से नहीं मिल पाते हैं, जिसका मलाल परिवार व उनकी बहनो को जरूर रहता है। रक्षाबंधन के इस त्योहार पर देश सेवा में लगे सैनिकों की कलाई सूनी न रहे, इसको लेकर शहर की बेटी ममता सांगते पिछले 19 सालों से हजारों सैनिक भाइयों के लिए राखी भेज रही हैं। इस साल वे जैसलमेर बॉर्डर पर रक्षासूत्र बांधने जाएंगी।
इस वर्ष भी शहर की बेटी ममता सांगते द्वारा करीब सात हजार रक्षासूत्र जम्मू, श्रीनगर, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ तथा अन्य स्थानों पर भेजने की तैयारी की जा रही है। जो उनके सैनिक भाइयों को 30 अगस्त (रक्षाबंधन) के पहले मिल जाएंगी। शुरुआती समय में ममता सांगते खुद राखी बनाकर भेजती थीं, लेकिन जैसे-जैसे राखियों की संख्या बढ़ी तो बाजार से खरीदना शुरू कर दिया। खास बात यह है हर साल ममता किसी एक बॉर्डर पर अपने सैनिक भाइयों को राखी बांधने जरूर जाती हैं और उनके लिए सभी राखियां ममता अपने हाथों से ही तैयार करती हैं।
ममता सांगते ने बताया कि वे यह रक्षा सूत्र भेजने का कार्य 2004 से करते आ रही हैं। पहले राखियों की संख्या कम होती थी फिर वह बढती गईं। इस वर्ष वे सात हजार रक्षा सूत्र भेजेंगी जिसका पार्सल 4 या 5 अगस्त को भेजा जाएगा। पार्सल पहुंचने के बाद वहां से भी हमारे सैनिक भाइयों की तरफ से पत्र मिलते हैं तथा वह फोन कर अपना धन्यवाद देते हैं, जिससे एक अलग ही खुशी मिलती है।
news reporter raju markam 9301309374