मध्यप्रदेश में विगत माह में 15 जून से 30 जून तक जिले में तबादला होना थे जिसके आदेश मध्य प्रदेश सरकार ने दिए थे लेकिन आज बुधवार 28 जून 2023 को हुई कैबिनेट मीटिंग में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 7 जुलाई 2023 तक तबादला होने का आदेश जारी कर दिया है उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में पूर्व में भी अक्टूबर माह में तबादले किए गए थे लेकिन अचानक 5 नवंबर तक सिर्फ तबादले किए गए इसके उपरांत तबादलों पर रोक लगी हुई थी यहां करना अनिवार्य है कि मध्य प्रदेश सरकार और भारत सरकार आदिवासियों को लेकर गंभीरता बरस रही है लेकिन मध्यप्रदेश के खेल एवं योग कल्याण और तकनीकी शिक्षा विभाग में एक आदिवासी महिला द्वारा अपने मां की स्वास्थ्य को लेकर तबादला करने का कारण बताते हुए आवेदन अक्टूबर 2022 में दिया गया था अभी पुणे तबादला खुलने के उपरांत आवेदन उनके द्वारा किया गया है लेकिन तकनीकी शिक्षा विभाग के बल्लभ भवन में बैठे अधिकारियों के कानपुर कोई जू नहीं रेंग रही है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि कैसे खराब हो यह वल्लभ भवन विंध्याचल और सतपुड़ा में बैठे वरिष्ठ अधिकारी उनकी छवि को धूमिल करने में लगे हुए हैं और आदिवासियों की समस्याओं के समाधान के लिए कोई भी ठोस कार्य नहीं कर रहे हैं जिसको मुख्यमंत्री को संज्ञान में लेते हुए आदिवासियों के द्वारा दिए गए आवेदनों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए नहीं तो आने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव में भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है उल्लेखनीय है कि जिस महिला का यहां उल्लेख किया गया है वह तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत आईटीआई खंडवा में पदस्थ है विगत 4 वर्षों से अपनी सेवाएं खंडवा आईटीआई में दे रही है लेकिन तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व में तबादले के लिए दिए गए आवेदन और अभी वर्तमान में दिए गए आवेदन पर वल्लभ भवन में बैठे अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं उक्त महिला ने बताया है कि मेरी मां की तबीयत अक्सर खराब रहती है और उनके सेवा में कोई भी नहीं है मैं एकमात्र ऐसी उनकी पुत्री हूं जो उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहती हूं लेकिन मध्य प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा मेरा तबादला खंडवा से नदापुरम में नहीं किया जा रहा है जिस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए यह घटना एक ही नहीं है ऐसे कई उदाहरण है जो आदिवासी की समस्या को लेकर खड़ी हुई है