बंगाल में चुनावी हिंसा का ‘रक्तचरित्र’, कई इलाकों में तनाव; TMC और BJP आमने-सामने|

दक्षिण 24 परगना (South 24 Pargana) में बीजेपी कार्यकर्ता ने जब अपना नॉमिनेशन भरा तो बदमाशों ने उसके घर में तोड़फोड़ की. इस बीच, हिंसा को लेकर बीजेपी और टीएमसी ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं.

West Bengal News: बंगाल में चुनावी हिंसा का 'रक्तचरित्र', कई इलाकों में तनाव; TMC और BJP आमने-सामने

 पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीरभूम (Birbhum) में आज फिर से बम मिलने से हड़कंप मच गया है. बोलपुर के लोहागर इलाके में एक प्राइमरी स्कूल के पीछे मैदान में 50 ताजा बम मिले. पुलिस ने सभी बम को कब्जे में ले लिया है. बम डिस्पोजल स्क्वाड को बुलाया गया है. इसी इलाके में बम हमले में TMC कार्यकर्ता घायल हुए थे और इसका आरोप कांग्रेस पर लगा था. कल भी बीरभूम के आमदपुर चीनी मिल के पास बम मिले थे. 2 दिन पहले बीरभूम में पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान बमबारी हुई थी. कल भी एक घर से 20 बम मिले थे. बंगाल में पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान ​कई जिलों से झड़प और आगजनी की खबरें आईं. सबसे ज्यादा प्रभावित दक्षिण 24 परगना रहा. जहां दो लोगों की मौत भी हुई. शुक्रवार को राज्यपाल ने भी हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा किया. बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा का आरोप लगाते हुए चिंगारी के खेल को बुरा बताया है.

जिस वक्त इस इलाके में हिंसा चल रही थी पुलिस पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप भी लग रहा है. हिंसा के बाद यहां पर राज्यपाल सीवी आनंद भी दौरा करने के लिए पहुंचे. उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की और हिंसा करने वालो पर एक्शन की बात कही. सी वी आनंद बोस ने कहा कि जिन्होंने हिंसा की है उनके खिलाफ संविधान और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. बंगाल के शांतिप्रिय लोगों को निडर होकर अपने मताधिकार के इस्तेमाल का अधिकार है.

दक्षिण 24 परगना के बासंती में एक बीजेपी कार्यकर्ता ने अपना नामांकन तो भरा तो बदमाशों ने उसके घर तोड़फोड़ और लूटपाट की. पश्चिम बंगाल के बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस आफिस के पास बम बरामद हुआ. हमला कांग्रेस और वाम दलों के कार्यकर्ताओं पर भी हो रहा है. बीजेपी ने बंगाल में जारी चुनावी हिंसा को लोकतंत्र का काला अध्याय बताया है.

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर प्राणघातक हमले हो रहे हैं. बंगाल सरकार और पुलिस जिस तरह से बर्ताव कर रही है वो देश के लोकतांत्रिक इतिहास में काला अध्याय है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि हिंसा का उनकी पार्टी से कोई मतलब नहीं है. फिलहाल नामांकन के पहले हिंसा का दौर और पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है. बंगाल में हिंसा का डर बना हुआ है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *