कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया कि मध्य प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली हो रहा है, जब सत्ताधारी पार्टी ने चुनाव से 6 माह पहले ही हार स्वीकार कर ली हो।
मध्य प्रदेश में इसी साल के अंत में चुनाव होने है। इससे पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रमुख पार्टी चुनावी वालों को लेकर एक दूसरे पर हमलावर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की टिप्पणी के बाद पीसीसी चीफ कमलनाथ ने पलटवार किया है। कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस की घोषणाओं से भाजपा नेताओं ने संतुलन खो दिया है। वह मुझे कोसने में लगे हुए है।
पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया कि मध्य प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली हो रहा है, जब सत्ताधारी पार्टी ने चुनाव से 6 माह पहले ही हार स्वीकार कर ली हो। मुख्यमंत्री समेत पार्टी के वरिष् नेता जनता के मुद्दों से पूरी तरह कट चुके हैं। और कांग्रेस की जनहितैषी घोषणाओं से अपना संतुलन घो बैठे हैं।
कमलनाथ ने कहा कि सब मिलकर सुबह-शाम मुझे कोसने में लगे हुए हैं। मध्य प्रदेश की सम्मानित जनता देख रही है कि भाजपा के नेता मुझे नहीं, मध्य प्रदेश के नवनिर्माण के लिए की गई कमलनाथ की घोषणाओं को कोस रहे हैं। कमलनाथ ने गिनाया कि भाजपा के लोग महिलाओं के सम्मान में मिलने वाले 1500 रुपए को कोस रहे हैं। मध्य प्रदेश में मिलने वाले 500 रुपए के गैस सिलेंडर को कोस रहे हैं। मध्य प्रदेश की जनता को मिलने वाली 100 रुपए यूनिट मुफ्त बिजली को कोस रहे हैं। मध्य प्रदेश की जनता को मिलने वाली 200 यूनिट बिजली के बिल को कोस रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली पुरानी पेंशन को कोस रहे हैं। किसानों के माफ होने वाले कर्ज को कोस रहे हैं। भाजपा के लोग मध्य प्रदेश की 8.5 करोड़ से अधिक जनता के सुनहरे भविष्य को कोसने में लगे हैं। लेकिन याद रखिए कमलनाथ ने 44 साल मध्यप्रदेश की सेवा में बिताए हैं। इस सेवा के मार्ग में चाहे गालियां मिलें, चाहे पत्थर मिलें, चाहे अपशब्द मिलें, मैं सब स्वीकार कर लूंगा, लेकिन मध्यप्रदेश के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दूंगा।
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