मायावाती ने BSP में किया बड़ा बदलाव, क्यों अचानक लेना पड़ा इतना अहम फैसला?

UP Politics: लोकसभा और उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव से पहले मायावती की यह घोषणा काफी चौंकाने वाली है. बीएसपी सुप्रीमो के इस फैसले को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि अचानक यह ऐलान क्यों किया गया. 

Reported by SACHIN RAI, Dy. Editor, 8982355810

मायावाती ने BSP में किया बड़ा बदलाव, क्यों अचानक लेना पड़ा इतना अहम फैसला?

Mayawati News: बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के  को लेकर बडी घोषणा की है. उन्होंने कहा नए मीडिया सेल का गठन होने तक अब कोई पार्टी का प्रवक्ता नहीं है.‘ लोकसभा और उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव से पहले मायावती की यह घोषणा काफी चौंकाने वाली है.

मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट कर घोषणा की, ‘बीएसपी द्वारा पार्टी के मीडिया सेल का पुनर्गठन प्रस्तावित है. इस परिस्थिति में नए मीडिया सेल का गठन होने तक अब कोई पार्टी का प्रवक्ता नहीं है. अतः श्री धर्मवीर चौधरी सहित पार्टी के जो भी लोग मीडिया में अगर अपनी बात रखते हैं तो वह उनकी निजी राय होगी, पार्टी का अधिकृत वक्तव्य नहीं.‘

मायावती के इस फैसले को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन मुख्य तौर पर यह माना जा रहा है कि उनके इस बयान के पीछ दरअसल बता दें कि हाल ही में बीएसपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मवीर चौधरी का एक हालिया ट्वीट है.

चौधरी ने हाल ही में माफिया अतीक अहमद के परिवार का बचाव करते हुए सीबीआई जांच की मांग को लेकर किया ट्वीट किया था. उन्होंने ट्वीट कर कि उमेश पाल हत्याकांड में बीएसपी नेता शाइस्ता परवीन सीबीआई जांच की मांग कर रही हैं तो सरकार को न्याय हित में सीबीआई जांच करानी चाहिए. इससे सरकार भाग रही है. उनके इस बयान के बाद बीएसपी को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे.  

इससे पहले बुधवार  (15 मार्च) को मायावती ने बीजेपी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को ‘घोर जातिवादी’ तथा ‘आरक्षण विरोधी’ बताया. सपा पर जमकर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि सिर्फ दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाने से कुछ हासिल नहीं होगा क्योंकि उत्तर प्रदेश और देश की जनता देख रही है कि कौन किस पार्टी की ‘बी’ टीम है और अभी भी वैसे ही काम कर रही है.

बसपा संस्थापक कांशीराम के जन्मदिन पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद मायावती ने ‘चुनावी सफलता और सत्ता की मास्टर चाबी हासिल कर विरोधियों को करारा जवाब देने’ का आह्वान किया. उन्होंने बसपा मुख्यालय पर कांशीराम को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद आरोप लगाया कि कांशीराम और उनके अनुयायियों का अपमान किया गया.

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