Vastu Dosh Ke Upay: शीशे नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के साथ-साथ हमारी सुख-शांति और सौभाग्य से भी जुड़ा होता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार बताया गया है कि घर में हमेशा आयातकार या चौकोर शीशे ही लगाने चाहिए. इससे घर में पॉजिटीव एनर्जी बनी रहती है.
Reported By Dy. Editor, SACHIN RAI, 8982355810
Mirror Vastu Tips : वास्तु शास्त्र में घर में रखी हर चीज की एक निश्चित दिशा बताई गई है. घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन ना करने पर घर के सदस्यों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. वास्तु शास्त्र में घर में लगे आईने को भी बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है. घर में हमेशा आयातकार या चौकोर शीशे ही लगाने चाहिए. शीशे नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के साथ-साथ हमारी सुख-शांति और सौभाग्य से भी जुड़ा होता है. वहीं बाथरूम में लगा शीशा भी धन और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारक होता है. आइए जानते है कि बाथरुम में शीशा किस दिशा और आकार का होना चाहिए.
– घर के अंदर बाथरूम उत्तर या उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए. घर बनवाते समय ध्यान रखें कि बाथरूम दक्षिण, दक्षिण पूर्व और दक्षिण पश्चिम दिशआ में नहीं बनवाना चाहिए.
– घर में कभी भी किचन के सामने या फिर एक दर्पण के सामने दूसरा दर्पण नहीं लगाना चाहिए. वास्तु के अनुसार इस नियम की अनदेखी करने पर वास्तु दोष उत्पन्न होता है, जिसके चलते उस घर में रहने वाले लोगों के बीच तनाव बढ़ता है.
– वास्तु के अनुसार घर के आईने को कभी भी गंदा नहीं रखना चाहिए. वास्तु के अनुसार गंदे या फिर धुंधले चित्र बनाने वाले आईन शोक का कारण बनते हैं. वास्तु के अनुसार व्यक्ति को सुबह उठते ही आईने में अपना चेहरा नहीं देखना चाहिए. वास्तु में इसे दोष माना गया है.
– वास्तु के अनुसार बेडरूम में शीशा नहीं लगाना चाहिए. वास्तु के अनुसार बेडरूम में लगे हुए शीशे से दोष बनता है और इसकी वजह से दांपत्य जीवन में खटास आती है. अगर जगह की कमी के चलते बेडरूम में शीशा लगाना ही है तो उस पर एक हल्का पर्दा लगा दें. इससे प्रतिबिंब नहीं बनता है और दोष से मुक्ति मिलती है.
– वास्तु के अनुसार बाथरूम के दरवाजे के सामने शीशा नहीं लगाना चाहिए. ऐसा करने से घर में नकारात्मक एनर्जी का संचार होता है.