Shiv Sena Row: सुप्रीम कोर्ट पहुंची शिवसेना पर हक की लड़ाई! शिंदे गुट ने चल दिया ये बड़ा दांव

Shiv Sena Symbol: उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला किया है. कोर्ट उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray) के पक्ष में एकतरफा फैसला ना दे दे, इसको देखते हुए एकनाथ शिंदे गुट ने बड़ा दांव चला है.

Reported By Dy. Editor, SACHIN RAI, 8982355810

Shiv Sena Row: सुप्रीम कोर्ट पहुंची शिवसेना पर हक की लड़ाई! शिंदे गुट ने चल दिया ये बड़ा दांव

Shiv Sena Crisis: शिवसेना (Shiv Sena) पर अधिकार की लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचने वाली है. चुनाव आयोग (EC) ने इस मामले में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट के हक में फैसला दिया है. चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह दे दिया है. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट इस फैसले का विरोध कर रहा है. ठाकरे गुट की तरफ से कहा गया कि वह इस निर्णय के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर करेगा. इस बीच, शिंदे गुट ने बड़ा कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दिया है. शिंदे गुट की तरफ से दायर कैविएट में कहा गया है कि अगर चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी जाए तो हमारा पक्ष बगैर सुने कोई एकतरफा फैसला नहीं दिया जाए.

उद्धव ठाकरे का बड़ा बयान

बता दें कि शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह छिनने पर उद्धव ठाकरे का बयान सामने आया है. ठाकरे ने कहा कि मशाल चुनाव चिन्ह भी छीना जा सकता है, लेकिन डरेंगे नहीं. उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग को केंद्र की सरकार का गुलाम करार दिया. उन्होंने सीएम शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और उसका चुनाव चिन्ह ‘धनुष और तीर’ आवंटित करने के फैसले का विरोध किया.

ईसी पर लगाया ये आरोप

उद्धव ठाकरे ने कहा कि इन्होंने बाला साहेब ठाकरे के दल का नाम और चुनाव चिन्ह चुरा लिया. लेकिन मेरे साथ मेरे सैनिक हैं. हम जब तक इन चोरों को खत्म नहीं करते, तब तक चैन से हम नहीं बैठेंगे. केंद्र पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि ईसी समेत सभी संस्थान गुलाम बन गए हैं, लेकिन वे बालासाहेब की शिवसेना को कभी खत्म नहीं कर सकते.

‘दूध का दूध और पानी का पानी हो गया’

वहीं, शिवसेना विवाद पर फैसले का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वागत किया है. शाह ने कहा कि इस निर्णय से ‘दूध का दूध और पानी का पानी हो गया.’ उद्धव ठाकरे का नाम लिए बना अमित शाह ने कहा कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव के लिए सीएम पद साझा करने को लेकर कोई सहमति नहीं बनी थी. साल 2019 के विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद शिवसेना ने बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया था.

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