How to Save Income Tax: HRA का मतलब होता है House Rent Allowance. यानी वो भत्ता जो कंपनी की तरफ से कर्मचारी को घर के किराये के तौर पर दिया जाता है. हर प्राइवेट और सरकारी कर्मचारी को एचआरए मिलता है. यह आपकी सीटीसी का ही हिस्सा होता है.
Reported By Dy. Editor, SACHIN RAI, 8982355810
Income Tax Saving Tips: टैक्स छूट पाना कौन नहीं चाहता. कोई शख्स किराये पर रहता है, तो किसी पर होम लोन चल रहा है. कोई अपने पैरेंट्स के घर में रहता है. 31 मार्च से पहले हर कोई इस बात को लेकर टेंशन में है कि टैक्स कैसे बचाया जाए. आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं कि इनकम टैक्स कानून में एचआरए को लेकर क्या नियम हैं और इसका पूरा फायदा कैसे मिल पाएगा?
HRA का मतलब होता है House Rent Allowance. यानी वो भत्ता जो कंपनी की तरफ से कर्मचारी को घर के किराये के तौर पर दिया जाता है. हर प्राइवेट और सरकारी कर्मचारी को एचआरए मिलता है. यह आपकी सीटीसी का ही हिस्सा होता है. मगर यह HRA टैक्स छूट के तहत आता है, जिसका कर्मचारियों को फायदा मिलता है. आपको एचआरए में छूट इनकम टैक्स की धारा 10 (13ए) के तहत मिल सकती है. अगर एचआरए क्लेम करना है तो तनख्वाह में सिर्फ मूल वेतन और महंगाई भत्ता (डीए) जोड़ा जाता है.
1 लाख से ज्यादा है किराया तो…
अगर आप किराये पर रहते हैं और हर साल एक लाख रुपये किराया देते हैं. ऐसे में किराये की रसीद जमा कराकर 1 लाख रुपये तक छूट का दावा कर सकते हैं. साथ ही आपको इनकम टैक्स वालों को रेंट एग्रीमेंट भी सब्मिट करना होगा. अगर मकान मालिक का भी पैन कार्ड देंगे तो किराये की रकम मकान मालिक की इनकम में जुड़ जाएगी. फिर उस पर भी टैक्स लगेगा.
होम लोन लिया है तो क्या होगा…
सपनों का घर लेने के लिए लोग होम लोन लेते हैं. होम लोन होने पर इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक मूल भुगतान के लिए छूट का दावा किया जा सकता है. साथ ही होम लोन पर जो आप ब्याज चुका रहे हैं, उसके सेक्शन 24बी के तहत 2 लाख रुपये तक एक्स्ट्रा टैक्स छूट की मिलती है. यानी आप 3.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट पा सकते हैं. जॉइंट होम लोन के मामले में अलग-अलग टैक्स छूट मिलेगी. इसके लिए आपको सभी संबंधित दस्तावेज जमा कराने होंगे.
पैरेंट्स के घर में रहने पर कैसे मिलेगी टैक्स छूट
पैरेंट्स के घर में भी रहते हुए आप हर माह किराया देकर टैक्स बचा सकते हैं. लेकिन शर्त इतनी है कि किराया आपको असल में देना है और उसकी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को. अगर किराया हर साल 1 लाख रुपये से ज्यादा है तो इनकम टैक्स में छूट का फायदा लेने के लिए पैरेंट्स का पैन नंबर भी फॉर्म में भरना होगा. इसके अलावा रेंट अग्रीमेंट की कॉपी भी लगानी होगी. इसके बाद किराये की रकम पैरेंट्स की इनकम में जुड़ जाएगी. अगर उनका किराये के अलावा आय का कोई दूसरा स्रोत नहीं है तो उनको कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा. इस तरह पैरेंट्स के साथ रहते हुए भी आप छूट का लाभ ले सकते हैं.