भारत में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और आर एस एस और भारतीय जनता पार्टी का उद्देश्य कांग्रे स्कोर देश में खत्म करने का प्लान है लेकिन देखने में यह आ रहा है कि कांग्रेसमें भा जा पा होती जा रही है इससे देश में यह संदेश जा रहा है कि r.s.s. और भारतीय जनता पार्टी के पास अपना कोई व्यू नहीं है बल्कि वह कांग्रेश के सहारे देश में अपनी राजनीति कर रही है जिससे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी का सुशासन का राज नेस्तनाबूद होता हुआ दिख रहा है यदि यही सिलसिला चलता रहा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी पर देश की जनता का विश्वास समाप्त होने के कगार पर हो सकता है पिछले 2 सालों से यह देखने में आ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी में कांग्रेश के कई नेता प्रतिदिन सम्मिलित हो रहे हैं कांग्रेश पूरी तरीके से जिस स्थान में तालिबान घुसपैठ कर चुके हैं उसी तरह कांग्रेश भी भारतीय जनता पार्टी में घुसपैठ करती नजर आ रही है इसका एक प्रमाण नहीं है जो देश की जनता प्रतिदिन मीडिया रिपोर्ट में देख रही है अगर यही सिलसिला चलता रहा भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक के स्थित जाएगा? लगभग एक दर्जन वरिष्ठ नेता खास तौर से युवा भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश कर चुके हैं विभिन्न पदों पर आशिक भी हो चुके हैं वर्तमान में भी यही स्थिति चल रही है भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ प्रधानमंत्री से लगातार कांग्रेस के नेता संपर्क में बने हुए हैं तथा वह अपनी शर्तों पर भारतीय जनता पार्टी में केंद्र और प्रदेश में मंत्री पद प्राप्त कर रहे हैं आगे भी ऐसी स्थिति बन गई है जो पंजाब को लेकर चल रही है वही राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रही है महाराष्ट्र में शिवसेना से गठबंधन भारतीय जनता पार्टी से टूट चुका है और वह राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने में पूर्व में सफल रही है ऐसा महसूस होता है कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुछ नहीं कर रहे हैं बल्कि एक सौदागर की भूमिका में नजर आ रहे हैं जिससे कांग्रेसका अस्तित्व खतरे में ना होकर भारतीय जनता पार्टी का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है?
विगत समय में पश्चिम बंगाल को जो चुनाव हुआ है तृणमूल कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ विधायक और नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे लेकिन भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में मुंह की खानी पड़ी पश्चिम बंगाल में तुलबुल कांग्रेस की ममता बनर्जी के नेतृत्व में सरकार फिर से स्थापित हो गई और सरकार गठन के उपरांत भारतीय जनता पार्टी में गए विधायक और नेता वापिस भारतीय जनता पार्टी से दूर कांग्रेसमें होना शुरू हो चुके हैं जो अभी तक हो रहे हैं इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को देश में वह सबक सिखाया है जो भारतीय जनता पार्टी के विचारक भी आज तक नहीं समझ पाए हैं इस खबर को लेकर यह खबर देश की जनता के सामने जनहित में जारी की गई है जिसे भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को मंथन और विचार करना चाहिए कि वह क्या कर रही है और क्या हो रहा है?