हरियाणा के रोहतक में गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा की पहरावर स्थित 15 एकड़ तीन कनाल जमीन का विवाद आखिर सुलझ गया। करनाल में आयोजित कार्यक्रम में रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संस्था को जमीन देने की घोषणा कर दी है। पिछले 13 साल से यह मामला अटका हुआ था। अब नये सिरे से 33 साल के लिए जमीन की लीज होगी। साथ ही जुर्माना या ब्याज भी माफ करने का आश्वासन दिया गया है।
गौड़ संस्था की ओर से पहरावर स्थित जमीन पर शिक्षण संस्थान व अस्पताल बनाने की योजना अब सिरे चढ़ती नजर आ रही है। इस काम में अब तक संस्था को अपनी ही जमीन पर कब्जा नहीं मिल रहा था। पिछले 13 साल से यह मुद्दा विवादों में उलझा हुआ था।
पिछले एक साल से मुद्दे ने तूल पकड़ा हुआ था। इसके चलते धरना-प्रदर्शन व जनसभाएं हुईं। शासन व प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपे गए। मुख्यमंत्री से भी समाज के लोगों ने मुलाकात कर आग्रह किया। इसके बावजूद मामला सुलझ नहीं रहा था। रविवार को मुख्यमंत्री ने जमीन संस्था को देने की घोषणा की।
परशुराम जयंती पर हुआ था बड़ा कार्यक्रम
संस्था की जमीन को लेकर गत वर्ष परशुराम जयंती पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें ब्राह्मण समाज लोगोें के अलावा नवीन जयहिंद, सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने शिरकत की थी। एक ही मंच पर दोनों नेताओं ने अपनी बात रखते हुए समाज की जमीन संस्था को दिलाने का दावा किया था।
अस्थल बोहर स्टेशन से ओमैक्स सिटी तक फैली है जमीन
गौड़ संस्था की पहरावर में जमीन बड़ा विवाद रही है। यह जमीन पहरावर स्थित अस्थल बोहर स्टेशन से शुरू होकर ओमैक्स सिटी तक फैली हुई है। यहां समाज के लोगों ने कुछ महीने पहले हवन किया था। इसमें बड़े संत भी पहुंचे थे। जमीन पर भविष्य में बनने वाले शिक्षण संस्थानों, खेल स्टेडियम, हॉस्टल की रूपरेखा तैयार की गई। साथ ही इस पर होने वाले खर्च का खाका तैयार कर सर्व समाज से चंदा एकत्रित करने पर जोर दिया। इस प्रक्रिया में नगर निगम को शुल्क जमा कराया जाना था।
यह है विवाद
वर्ष 2009 में कांग्रेस शासन के दौरान पहरावर की जमीन गौड़ ब्राह्मण संस्था को दान में दी गई 15 एकड़ तीन कनाल जमीन पर 13 साल बाद कब्जा लेने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। संस्था के लोगों ने जमीन पर कब्जे को लेकर सक्रिय भूमिका निभाते हुए यहां हवन किया था। भवन निर्माण के लिए चंदा जुटाया गया। यहां फरसे के साथ पहुंचे नवीन जयहिंद ने पीले पंजे से नगर निगम का बोर्ड उखाड़ दिया था। इस पर निगम ने आपत्ति जताते हुए शिवाजी कॉलोनी थाने में केस दर्ज कराया। सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने भी मुद्दे को उठाते हुए प्रदर्शन किया था। निगम ने जमीन को अपना बताते हुए रिकॉर्ड के मुताबिक, पहरावर की साढ़े आठ एकड़ जमीन का इंतकाल निगम के नाम होने का दावा किया। गौड़ संस्था को लीज पर दी गई इस जमीन को लेकर समय पर न तो निगम ने कोई कदम उठाया और न ही संस्था की ओर से कब्जा लिया गया। लीज की प्रक्रिया भी अटकी रही। इसी बीच अनुबंध खत्म हो गया था।
आयुर्वेद में होगी एमडी-एमएस, मिली 35 सीटें
गौड़ ब्राह्मण आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में अब पीजी भी होगी। अब तक कॉलेज में स्नातक कोर्स ही कराया जा रहा था। विद्यार्थी यहां आयुर्वेद में एमडी व एमएस की पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए सरकार ने यहां एमडी-एमएस कोर्स शुरू करने की मंजूरी दे दी है। साथ ही कॉलेज में 35 सीटें दी गई हैं। पीजी की इन सीटों से आने वाले समय में नए आयुर्वेदिक डॉक्टर प्रदेश को मिलेंगे। इससे आयुर्वेदिक चिकित्सा स्वास्थ्य में भी सुधार आएगा।
सरकार ने संस्था को पहरावर वाली जमीन देने की घोषणा की है। साथ ही ब्याज राशि भी माफ की जाएगी। जमीन की नए सिरे से लीज होगी। यह लीज 33 वर्ष के लिए होगी। यहां अस्पताल, वेटरनरी कॉलेज, स्टेडियम व अन्य कार्य शुरू किए जाएंगे। इसके लिए जल्द ही योजना तैयार की जाएगी।