Edited by Vijay katkar, Published by Aakash Kanade
संसार में विकास और विनाश एक साथ अपना सफर तय करते है जिसका जीता जागता उदाहरण पूरी दुनिया के सामने है । वर्तमान घटनाक्रम में 20 साल पूर्व हुए घटनाक्रम अफगानिस्तान का मसला जहां दुनिया के सामने है वही भारत में भी कुछ ऐसी घटनाएं आम व्यक्ति के साथ घट रही है । क्या मानवीयता दुनिया में समाप्ति की ओर है ।
अपने आप को जिंंदा रखना गुनाह हो गया है क्योकि आम व्यक्ति के जीवन में उसको अपना भरण पोषण करना एवं जीवन जीना जहां दुष्कर होता जा रहा है वही राजधर्म, वर्चस्व, विस्तारवाद और दुनिया पर अपनी हुकूमत करना अहम हो रहा है, इसके लिए दोषी कौन है यह मैं नही कह सकता फिर भी एक बात तो है की यह प्रकृृति हर जीव को जीने का अधिकार देती है लेकिन उसका नाजायज फायदा जिसने भी उठाया है उसका इतिहास होता जरूर है लेकिन वह काला अक्षर हो जाता है । जिसे समझना मुश्किल ही नही नामुमकिन भी है । नीचे दिये दोनो वीडियो सच है या झूठ इसके बारेे में प्रत्येेक मनुष्य अपना विचार करे और बताये कि क्या यह बाते प्राकृतिक संवत है या नही ? कृपया अपने विचार हमसे साझा करें ।