मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, 12 जातियों को ST में शामिल किया गया, जानें किसे-किसे होगा फायदा

मूल रूप से वर्तनी की त्रुटियों और कई समुदायों के समान लगने वाले नामों के कारण, इन्हें बहुत लंबे समय तक एसटी श्रेणी में नहीं लाया जा सका था। बुधवार को 5 राज्यों में कई आदिवासी समुदायों को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।

Narendra Modi- India TV Hindi
Image Source : PTINarendra Modi
  • कैबिनेट का अनुसूचित जनजातियों पर बड़ा फैसला
  • 5 राज्यों की अनुसूचित जनजातियों को होगा फायदा
  • गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया

Modi Cabinet Decision: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में कई आदिवासी समुदायों को अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कैबिनेट की बैठक के बाद मीडियाकर्मियों को बताया कि ये प्रस्ताव कई वर्षों से लंबित हैं। उन्होंने कहा कि मूल रूप से वर्तनी की त्रुटियों और कई समुदायों के समान लगने वाले नामों के कारण, इन्हें बहुत लंबे समय तक एसटी श्रेणी में नहीं लाया जा सका।

मोदी कैबिनेट ने गोंड समेत कई जातियों को SC से हटाकर ST में शामिल किया गया है। कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ में ST की सूची में बृजिया समुदाय को जोड़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। वहीं उत्तर प्रदेश की गोंड जाति की 5 उपजातियों धुरिया, नायक, ओझा को भी ST में शामिल किया गया है।

कैबिनेट मीटिंग में लिए गए कई बड़े फैसले
कैबिनेट ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में संशोधन करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश करके तमिलनाडु के कुरीविक्करन समुदाय को अनुसूचित जनजाति वर्ग के तहत शामिल करने के मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसी तरह, कर्नाटक के कडू कुरुबा के पर्याय के रूप में बेट्टा-कुरुबा समुदाय को एसटी का दर्जा दिया। यह भी संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में संशोधन के लिए संसद में एक विधेयक पेश करके किया जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ट्रांस-गिरी क्षेत्र को आदिवासी का दर्जा भी दिया।

अर्जुन मुंडा ने बताया कि बृजिया समुदाय को ओडिया और झारखंड में अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *