श्रद्धा वाकर हत्याकांड में नौबत नार्को टेस्ट की आ पहुंची है. ऐसे में जानना जरूर है कि आखिर जिस नार्को टेस्ट को कोर्ट भी मुलजिम के खिलाफ, मजबूत कानूनी सबूत मानता है, उस नार्को टेस्ट को अंजाम देने वाली टीम में कौन-कौन शामिल होता है? कैसे तैयारी करती है पुलिस और नार्को टीम?
मुंबई की श्रद्धा वाकर हत्याकांड की जांच में अब नौबत ‘नार्को’ जैसे महत्वपूर्ण टेस्ट की आ पहुंची है. शायद इसलिए कि जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की समझ में आ चुका है कि, आरोपी यानी श्रद्धा का बेवफा प्रेमी और संदिग्ध कातिल आफताब अमीन पूनावाला, पुलिस को अपनी बातों में उलझाकर, जांच एजेंसी का वक्त बर्बाद करने के बजाए और कुछ नहीं कर रहा है.ताकि किसी भी तरह से आरोपी की पुलिस रिमांड अवधि कम के कम राज उगले बिना ही पूरी हो जाए. और आरोपी सुरक्षित जेल की चार दिवारी के भीतर पहुंच सके.
यूं तो मीडिया में अब तक आ रही बे-सिर पैर की खबरों के मुताबिक, आरोपी का नार्को टेस्ट रविवार-सोमवार यानि 20 या 21 नवंबर को ही हो जाना था. ऐसा मगर हुआ नहीं. बे-सिर पैर की खबरें इसलिए क्योंकि श्रद्धा हत्याकांड की तफ्तीश को लेकर जांच एजेंसी यानी दिल्ली पुलिस ने पूरी तरह से खामोशी अख्तियार कर रखी है. और मीडिया जांच एजेंसी से भी आगे की पड़ताल खुद करने में जुटा है. यही वजह रही होगी कि, जहां पुलिस मुंह खोलने को राजी नहीं है. तो भला मीडिया में आ रही नार्को कराए जाने संबंधी खबरों की तारीख दिन और जगह की पुष्टि भला कौन क्यों और कैसे कर देगा?
मीडिया में छपी कहानी पुलिस ने सुनाई
एक तरीके से देखा जाए तो जबसे श्रद्धा हत्याकांड का भांडा फूटा है. तब से यानि 7-8 दिनों से सिर्फ मीडिया ही बोल छाप रहा है. इन 7-8 दिनों में दक्षिणी दिल्ली जिला पुलिस के डीसीपी या फिर एडिश्नल डीसीपी ने कोई अधिकृत बयान शायद ही कहीं जारी किया हो. हां, दो दिन पहले दिल्ली पुलिस की मुख्य प्रवक्ता आईपीएस सुमन नलवा ने जरूर, अधिकृत रूप से वही सब दोहरा कर अधिकृत जानकारी देने की रस्म पूरी कर ली थी, जो पहले से ही मीडिया में छप चुका है या दिखाया जा चुका है. मतलब कुल जमा श्रद्धा हत्याकांड को लेकर, दिल्ली पुलिस खामोशी में और मीडिया बेइंतिहाई शोरगुल में खोया हुआ है.
अभी तो तैयारी ही शुरु हुई है
ऐसे माहौल में बात करते हैं आरोपी के नार्को टेस्ट को लेकर, मीडिया में बिना किसी पुष्टि के ही छप चुकी खबरों में कहा जा रहा था कि, आरोपी का नार्को टेस्ट रविवार या सोमवार को हो जाना था. जो नहीं हुआ. हां, टीवी9 भारतवर्ष की सोमवार को जब इस बारे में दक्षिणी दिल्ली पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों से बात हुई तो वे, यह कहकर कन्नी काट गए कि, ‘नार्को टेस्ट होना तो है. इसको कराने की तैयारियां भी शुरु हो चुकी हैं. आरोपी से पूछे जाने वाले संभावित सवालों को भी तैयार किया जा रहा है. यह नार्को टेस्ट कब संभव हो सकेगा? इस सवाल का जवाब दिल्ली के रोहिणी में स्थित फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी(एफएसएल) से बातचीत के बाद ही पुष्ट रूप से दे पाना संभव हो सकेगा?’ दिल्ली पुलिस नार्को टेस्ट की तारीख के लिए फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री पर क्यों निर्भर है?
पुलिस-फॉरेंसिक टीम बनाएगी सवाल
इस सवाल के जबाव में जांच टीम में शामिल एक अधिकारी ने सोमवार को टीवी9 भारतवर्ष से कहा,”दरअसल आरोपी से पूछे जाने वाले जो संभावित सवाल हम तैयार कर रहे हैं. उन सवालों पर एक बार फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी टीम के साथ बैठकर बात करनी होगी. साथ ही उन्हें (एफएसएल टीम को) हम केस की पूरी कहानी फिर से सुनाएंगे. ताकि एफएसएल टीम भी हमारे सवालों में कुछ और नए वे सवाल जोड़ सकेगी जिससे कि, आरोपी से पूछे जाने पर, तफ्तीश को और मजबूती मिल सके.” रविवार-सोमवार को आरोपी का नार्को टेस्ट कराए जाने की खबरें मीडिया में आ रही थीं, वो दिन तारीख आगे कैसे और क्यों बढ़ गई? पूछने पर दक्षिणी दिल्ली जिला पुलिस के एक एसीपी स्तर के अधिकारी ने कहा, “नार्को की तारीख रोहिणी एफएसएल और हमारी आपसी सहमति के बाद ही तय होगी. मीडिया में खबरें कहां से छप गईं? इस बारे में मुझे कुछ नहीं पता.”
अभी नार्को की तारीख तय नहीं
उधर टीवी9 भारतवर्ष ने सोमवार को दिल्ली को रोहिणी स्थित एफएसएल में कुछ उच्च पदस्थ और विश्वस्त सूत्रों से बात की. उन्होंने कहा, “हमारे यहां चर्चा इस बात का तो दो तीन दिन से चल रहा है कि, श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी का नारको एनालेसिस टेस्ट होना है. कब होना है यह अभी तय नहीं हो सका है. नार्को टेस्ट एक बेहद जटिल प्रक्रिया है. जिसमें किसी भी एक स्टेज पर जरा सी भी भूल पूरे मुकदमे के ट्रायल को ही बदल सकती है. इसलिए इसे इत्तिमिनान से अंजाम दिया जाना जरूरी होता है. यह जल्दबाजी का काम नहीं है. इसके लिए हमारी टीम को तफ्तीशी टीम (दिल्ली पुलिस की वो टीम जो बीते कई दिन से श्रद्धा मर्डर केस की जांच में जुटी है) के साथ बैठकर गहन मंत्रणा करनी होगी. सस्पेक्ट (संदिग्ध कातिल आफताब अमीन पूनावाला) से पूछे जाने वाले कुछ संभावित पुलिस हमें सौंपेगी. उसके बाद हम पुलिस से अब तक उसके द्वारा की गई तफ्तीश की कहानी सुनेंगे.”
नार्को टीम में यह होंगे शामिल
फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के एक अन्य उच्च पदस्थ सूत्र ने अपनी पहचान उजागर न करने की शर्त पर टीवी9 भारतवर्ष से कहा, “सवालों की संयुक्त सूची तैयार होने के बाद, हम लोग (रोहिणी एफएसएल) टीम बनाएंगे. उस टीम में एक वीडियोग्राफर, एक फोटोग्राफर, एक दुभाषिया (अनुवादक या ट्रांस्लेटर), एक भाषा विशेषज्ञ (जिसे मराठी भाषा का धारा प्रवाह ज्ञान हो और जो प्रफेशनल साइकॉलोजिस्ट भी हो), एक एनीस्थीसिया एक्सपर्ट सहित दो तीन अन्य लोग शामिल किए जाएंगे. मराठी भाषा विशेषज्ञ का इस टीम में होना इसलिए जरूरी होगा क्योंकि, आरोपी की पकड़ अंग्रेजी और मराठी भाषा पर ज्यादा है. लिहाजा आरोपी से नीम-बेहोशी के आलम में उसी की भाषा में संभावित सवाल किए जाने से बेहतर जवाब मिलने की उम्मीद रहेगी. अमूमन हर ना्र्को टेस्ट में होता भी यही है.”