मध्यप्रदेश के जबलपुर में 18 सितंबर को अमर शहीद राजा शंकर शाह एवं रघुनाथ शाह का बलिदान दिवस आदिवासियो द्वारा जब मनाया जा रहा था उसी दिन देश के गृृहमंंत्री का आगमन भी हुआ । उनकी सुरक्षा को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सख्ती बरती जिससे प्रोटोकॉल में मध्यप्रदेश के वन वंत्री कुंंवर विजय शाह का नाम प्रोटोकॉल में ना होने की वजह से पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन ने उन्हेें राजा शंकर शाह एवं रघुनाथ शाह के कार्यक्रम के द्वार पर प्रवेश करने से रोका जिससे कुवर विजय शाह के साथ ही शहीदो का और आदिवासियो का अपमान हुआ । जिससे आदिवासियो में आक्रोश है कि सरकार एक तरफ कुछ ओर बोल रही है और एक तरफ कुछ ओर कर रही है इससे ऐसा लगता है कि अंग्रेजो का शासन अभी गया नही है । वीडियो देखे
गोंडवाना साम्राज्य के अमर शहीद राजा शंकर शाह रघुनाथ शाह के 164 वें बलिदान दिवस के अवसर पर 18 सितंबर को जबलपुर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था । इसी बीच प्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह अमर शहीद राजा शंकरशाह- रघुनाथशाह की प्रतिमा स्थल पर दर्शन करने पहुंचे थे जहां उनकी पुलिस के साथ कहासुनी हो गई। वहीं मंत्री शाह ने पुलिस पर नाराजगी जताई और उन्हें खरी खोटी सुनाकर वापस चले गए।
दरअसल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी बलिदान दिवस के कार्यक्रम के आयोजन में शिरकत करने आये थे, जिसको देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कड़ी व्यवस्था बना रखी थी। इसी बीच मध्य प्रदेश कैबिनेट मंत्री कुंवर विजय शाह अचानक ही गोड़वाना साम्राज्य के अमर शहीद राजा शंकरशाह- रघुनाथशाह की प्रतिमा स्थल पर दर्शन करने पहुंचे थे पर प्रोटोकॉल नियम के तहत पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया। इससे नाराज होकर मंत्री कुंवर विजय शाह ने पुलिस को खूब खरी-खोटी सुनाई। वन मंत्री इतने नाराज हुए कि वह पुलिस पर बिफर गए और वहां से नाराज होकर बिना दर्शन करे ही चलते बने। इस दौरान पुलिस ने उन्हें मनाने की कोशिश की, पर वह नहीं माने। वहीं इस पूरे घटनाक्रम को लेकर भाजपा नगर अध्यक्ष जी.एस ठाकुर ने कहा कि प्रोटोकॉल के तहत लिस्ट में जिनका नाम नहीं था उन्हें शामिल नही किया गया ।