आपने पुष्पा फिल्म देखी ही होगी। पुलिस के आने से पहले पुष्पा अवैध कटाई से हासिल लकड़ियों का पानी के रास्ते परिवहन करता है। बस यही तरीका रीवा में अवैध शराब के कारोबारियों ने भी अपना लिया। मध्यप्रदेश पुलिस जब कार्रवाई करने पहुंची तो तरीका देखकर वह भी चकित रह गई। टोंक गांव में अवैध शराब कारोबारी ने टमस नदी में बोतलों को छिपा रखा था। जब भी जरूरत पड़ती तो वह पानी से उन्हें निकालता और बेच देता।
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर अवैध नशे के खिलाफ पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। बुधवार को रीवा पुलिस ने टोंक गांव में दबिश दी। वहां से बड़ी मात्रा में अवैध शराब भी बरामद की। यह शराब टमस नदी के गहरे पानी में छिपा रखी थी। पुलिस ने नाव में सवार होकर नदी के बीच में जाकर इन बोतलों को बाहर निकाला।
चाकघाट थाना क्षेत्र के टोंक गांव में पुलिस को अवैध शराब बिक्री की सूचना मिली थी। पुलिस ने सत्यदेव सिंह के घर में दबिश दी। वहां शराब नहीं मिली। कुछ लोगों ने बताया कि शराब तो नदी में छिपाई है। तब पुलिस को विश्वास नहीं हुआ। सच का पता लगाने के लिए नाव में सवार होकर पुलिस नदी में उतरी तो वहां रस्सी से थैलों को बांध रखा था और नीचे शराब की बोतलों को छोड़ा गया था। पुलिस ने 13 लीटर शराब पानी के अंदर से निकाली है।
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रीवा की टमस नदी में इस तरह छिपाते थे अवैध शराब।
नदी में कर रखा था बंटवारा
अवैध शराब कारोबारियों ने नदी में भी बंटवारा कर रखा था। अलग-अलग लोगों का इलाका तय था और वह उसमें ही धागों से बोरों को बांधकर पानी में छोड़ देते थे। जब भी जरूरत पड़ती तो नदी में उतरते और पानी में से खींचकर बोतलें निकालते। थाना प्रभारी अभिषेक पटेल ने बताया कि पुलिस ने आमिलकोनी गांव में भी दबिश दी थी जहां एक घर से पांच क्विंटल लाहन बरामद हुआ है। लाहन को नष्ट करवा दिया गया है। अवैध शराब बिक्री के मामले दर्ज कर जांच की जा रही है।
नदी से निकालकर बेचता था शराब
पुलिस ने बताया कि आरोपी शराब बनाने के बाद उसे पानी के अंदर छिपा देते थे। जब भी ग्राहक आता तो नाव से निकालकर बेच देता था। स्थानीय लोगों ने पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारियां दी है। जो भी लोग अवैध शराब बेचने का काम करते है वे ज्यादातर टमस नदी के अंदर ही शराब छिपाकर रखते हैं। आरोपियों ने टमस नदी में अपने घर के सामने के हिस्सा पर खुद का पट्टा बना लिया है। वे अपने-अपने इलाके में ही शराब छिपाते हैं।