उद्धव ठाकरे द्वारा दायर याचिका में चुनाव आयोग के 8 अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी गई है
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और भारत के चुनाव आयोग द्वारा पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर रोक लगाने के आदेश को रद्द करने की मांग की। उद्धव ठाकरे द्वारा दायर याचिका में चुनाव आयोग के 8 अक्तूबर के आदेश को चुनौती दी गई है। इसमें कहा गया है कि आयोग का आदेश नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है और पक्षों को कोई सुनवाई को मौका दिए बिना फैसला सुना दिया गया था। याचिका में चुनाव आयोग और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथराव संभाजी शिंदे को पक्षकार बनाया गया है।
संजय राउत बोले, नया चुनाव चिन्ह पार्टी के लिए नई क्रांति ला सकता है
वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि नया चुनाव चिन्ह पार्टी के लिए नई क्रांति ला सकता है। चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे- दोनों समूहों के दावेदारियों के बीच फिलहाल यह कदम उठाया है। इस बीच उद्धव कैंप ने आयोग को अपनी पार्टी के लिए नाम और निशानों की एक लिस्ट सौंप दी है। आज एकनाथ शिंदे की तरफ से भी एक सुझाव पत्र चुनाव आयोग को सौंपी जाएगी।
इस मुद्दे के बारे में बोलते हुए संजय राउत ने कहा कि चुनाव चिन्ह को फ्रीज करना एक राजनीतिक दल के जीवन में होता रहता है। कांग्रेस के साथ तीन बार ऐसा हुआ। जनता पार्टी के साथ भी ऐसा हुआ था। हो सकता है कि नया चुनाव चिन्ह पार्टी के लिए एक नई क्रांति लेकर आए। प्रतीक और नाम अलग हो सकते हैं, लेकिन पार्टी अभी भी वही है।
दो महीने से अधिक समय से जेल में बंद संजय राउत सोमवार को अपनी जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए मुंबई की सत्र अदालत में पेश हुए थे। उन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में उनके समर्थक अदालत पहुंचे थे। कई लोगों ने उनके पैर छुए, किसी ने उन्हें गले लगाया। राउत के परिवार वाले भी वहां मौजूद थे। शिवसेना सांसद विनायक राउत और शिवसेना युवा नेता वरुण सरदेसाई भी उनसे मिलने पहुंचे थे।
चुनाव आयोग ने 8 अक्तूबर को शिवसेना के चुनाव चिह्न पर रोक लगाई थी
चुनाव आयोग ने 8 अक्तूबर को शिवसेना के चुनाव चिह्न पर रोक लगा दी थी। चुनाव आयोग ने एक अंतरिम आदेश जारी कर कहा था कि महाराष्ट्र के अंधेरी उपचुनाव में दोनों गुट में से किसी को भी शिवसेना का चुनाव चिह्न “धनुष और तीर” का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। चुनाव आयोग के मुताबिक, दोनों गुटों को उप-चुनावों के लिए चुनाव आयोग द्वारा प्रतीकों की सूची दी जाएगी। दोनों को अलग-अलग चिन्ह दिए जाएंगे जिनमें से वे एक का चुनाव कर सकते हैं। दोनों गुटों को अपनी पसंद बताने के लिए 10 अक्तूबर दोपहर एक बजे तक का समय दिया गया था।
उद्धव ठाकरे धड़े ने कहा था कि अंधेरी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए शिवसेना के चुनाव चिह्न पर रोक लगाने का निर्वाचन आयोग का अंतरिम आदेश अन्याय है। दरअसल, शिवसेना के ‘तीर धनुष’ चिह्न पर शिवसेना के एकनाथ शिंदे खेमे ने अपना दावा किया है, जबकि उद्धव का कहना है कि असली शिवसेना उनके साथ है। वहीं, शिंदे खेमे ने एक ज्ञापन सौंपकर अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव के नजदीक होने के मद्देनजर ‘तीर धनुष’ चुनाव चिह्न उन्हें आवंटित करने की मांग की थी।
दरअसल, ठाकरे गुट ने तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए विधायक रमेश लटके की पत्नी रुतुजा लटके को मैदान में उतारने का फैसला किया है। वहीं, शिंदे गुट की सहयोगी भाजपा ने रमेश लटके के निधन के कारण हो रहे उपचुनाव के लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका पार्षद मुरजी पटेल को मैदान में उतारने का फैसला किया है। कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने शिवसेना के ठाकरे खेमे और महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) में उनके गठबंधन सहयोगी के उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला किया है।