बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन कल यानि मंगलवार 11 अक्टूबर को होने वाले महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए पूरी तरह से सजकर तैयार है। प्रथम चरण के कार्यों ने इस नगरी को एक नई आभा से सराबोर कर दिया है। काल की गणना जिस स्थान से होती है, उसका स्वरुप अब बदल गया है। नक्काशीदार मूर्तियां, रंग-बिरंगी रोशनियों की चकाचौंध महाकाल लोक के गौरवशाली वैभव को बढ़ा रही हैं।350 करोड़ की लागत से तैयार हुए महाकाल लोक का लोकार्पण मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। महाकाल मंदिर में नरेंद्र मोदी 40 मिनट रुकेंगे। बाबा महाकाल की पूजा करने के बाद वह नंदी मंडप में ध्यान लगाएंगे। इसके बाद वह नवर्निमित परिसर में जाएंगे। जहां रक्षासूत्र से बने 15 फीट ऊंचे शिवलिंग का पूजन कर महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद वह देशभर से पधारे साधु संतों से मुलाकात करेंगे।
पेड़ पौधे और रोशनी से सजी सड़कें
महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए उज्जैन की सड़कों को सजाया गया है। तीन हजार से ज्यादा पौधे इंदौर से उज्जैन भेजे गए हैं। जिन्हें महाकाल लोक से जुड़ी सड़कों पर रखा गया है। इसके अलावा सड़क पर भगवा पताकाएं और एलईडी लाइट लगाई गई हैं। इंदौर से लेकर उज्जैन मार्ग के बीच भी सड़क का पेचवर्क, रंग-रोगन और रोशनी की गई है। लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से उज्जैन से इंदौर आ सकते हैं।
डमरू, नगाड़ों से होगा पीएम मोदी का स्वागत
महाकाल लोक के लोकार्पण समारोह में शामिल होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत संगीतमय अंदाज में होगा। अलग-अलग कलाकार लोकार्पण के दौरान शंख, डमरू, नगाड़े बजाएंगे। इसके अलावा श्लोक भी गूंजेंगे। प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पीएम मोदी की पहली उज्जैन यात्रा है।