मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को कानून-व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। जमकर दहाड़े और अधिकारियों को फटकार लगाई। इस दौरान इंदौर के एक टीआई को लेकर उन्होंने जो सख्ती दिखाई, उस पर सवाल उठने लगे हैं।
वास्तव में मध्य प्रदेश अजब है गजब है। आज सुबह से सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक वीडियो वायरल हो रहा है इस वीडियो में वह जमकर दहाड़ रहे हैं। बोल रहे हैं भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस, इंदौर के एक टीआई के भ्रष्टाचार का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े प्रदेश के आईजी और एसपी से कह रहे हैं कि लिस्ट बनाइए किसी को छोड़ना मत और एडीजी इंटेलिजेंस को जानकारी भेजिए। मौका आने पर ऐसे भ्रष्टाचारियों के यहां हम ईओडब्ल्यू के छापे भी डलवाएंगे। मुख्यमंत्री यहां तक कह गए कि तत्काल कार्रवाई करिए इस तरह भ्रष्टाचार का गदर मचाने वाले टीआई पर।
सामान्यतः मुख्यमंत्री के इस तरह एक्शन में आने का नतीजा भी तत्काल देखने को मिलता है। शनिवार सुबह मुख्यमंत्री बरसे थे लेकिन शाम तक ‘नो एक्शन’। अब सवाल यह उठता है कि आखिर इतना ताकतवर टीआई कौन है जिस पर मुख्यमंत्री के इतने सख्त निर्देश के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पाई।
बेहद साफ-सुथरे माने जाने वाले इंदौर के पहले पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा आखिर इतने असहाय क्यों हैं ? आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी है कि लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलने के बावजूद उक्त टीआई का बाल भी बांका नहीं हो पाता है। सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर मुख्यमंत्री को उस टीआई का नाम बताने से परहेज क्यों ? जो मुख्यमंत्री छात्रों के साथ अप्रिय संवाद करने वाले झाबुआ एसपी को कुछ ही मिनट में हटा देते हैं उन्होंने सीधे डीजीपी को कहकर ही एक्शन क्यों नहीं करवाया।