मंगलयान-2 मिशन को लॉन्च करने के लिए तैयारियां कहां पहुंची हैं?
संसद में जितेंद्र सिंह की तरफ से दिए इस बयान के बाद इसरो ने अनाउसमेंट ऑफ अपॉर्च्यूनिटी (एओ डॉक्यूमेंट) निकाला था। इसमें मिशन के लिए जरूरी बातों का जिक्र किया गया था। इसके अलावा ऑर्बिटर को मंगल के और करीब की कक्षा में स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया। 2019 के करीब कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि मंगलयान-2 में मंगल के चक्कर लगाने वाले एक ऑर्बिटर के साथ एक लैंडर भी भेजा जाएगा, जो ग्रह की सतह पर उतरकर अहम जानकारियां जुटाएगा। हालांकि, बाद में इसरो प्रमुख के. सिवन ने एक इंटरव्यू में साफ किया था कि मिशन में सिर्फ एक ऑर्बिटर ही प्रस्तावित है। 2021 में मार्स ऑर्बिटर मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुबैया अरुणन ने कहा था कि इसरो मंगलयान-2 में एयरोब्रेकिंग तकनीक का इस्तेमाल करेगा, ताकि ऑर्बिटर को मंगल के और करीबी कक्षा में स्थापित किया जा सके।
भारत के अगले मंगल मिशन की लॉन्चिंग कब तक?
रिपोर्ट्स की मानें तो मंगलयान-2 की लॉन्चिंग फिलहाल इसरो की प्राथमिकता में नहीं है। अधिकारियों ने मंगल मिशन की लॉन्चिंग 2025 तक टाल दी है। उनका कहना है कि यह प्रोजेक्ट अभी भी निर्माण के फेज में है और तैयारियां आगे बढ़ रही हैं। इसरो की तरफ से फिलहाल अंतरिक्ष में पहले इंसान को भेजने के मिशन- गगनयान पर काम चल रहा है। इसके अलावा चांद पर ऑर्बिटर-लैंडर उतारने के मिशन चंद्रयान-3 को भी प्राथमिकता श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा एजेंसी एक और प्रोजेक्ट आदित्य-एल1 परियोजना पर काम कर रही है।