गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बाद आदिवासी क्षेत्रों में जयस भाजपा के लिए सिरदर्द बन रहा

वर्ष 2023 में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा के लिए जय युवा आदिवासी शक्ति संगठन जयस दर्द बन रहा है

दरअसल 2003 के विधानसभा चुनाव से मध्यप्रदेश में गोंडवाना पार्टी ने आदिवासियों की वोट बैंक में सेंड लगाई थी जैसे तैसे इनका प्रभाव कम हुआ तो मालवा अंचल में युवाओं के बीच जयस नामक संगठन ने जड़े जमा ली 2018 के विधानसभा चुनाव में इनका व्यापक असर दिखामालवा निमाड़ क्षेत्र में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा इसके चलते मध्य प्रदेश में भाजपा पिछले चुनाव में सरकार बनाते बनाते रह गई थी अभी स्थिति फिर बन रही है जिसने अपनी गतिविधियों फिर बढ़ा दी है और 50 सीटों पर प्रत्याशी खड़ा करने का ऐलान किया है गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में आदिवासियों वर्क के लिए 47 सीटें आरक्षित हैं 23 अन्य सीट पर आदिवासी मतदाता निर्णायक भूमिका में है मालवा अंचल में पिछले चुनाव में कांग्रेसमें जेएसके संरक्षक डॉ हीरालाल अलावा मनावर को टिकट दिया था पार्टी को इसका फायदा मिला और अंचल की ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी विजय रहे

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