अभिभावक नदी के तट तक तो बच्चों को ले आते हैं लेकिन नदी पार कराने के लिए शिक्षक को ही फोन लगाते हैं

अगर शिक्षक ने हाथ थाम लिया तो नैया पार है तस्वीर राजस्थान के बांसवाड़ा से 10 किलोमीटर दूर लांबावड़ला गांव की है यहां मां बाड़ी केंद्र 200 मीटर चौड़ी नदी के दूसरी तरफ है जो पूरे साल बहती है इस पर पुल भी नहीं बना है ऐसे में परिजन बच्चों को पढ़ने नहीं भेजते हैं लेकिन वहां के शिक्षक निर्मल चरपोटा किसी भी बच्चे को अशिक्षित नहीं देखना चाहते इसलिए वे रोज सुबह 7:00 बजे कक्षा उनके इस जज्बे को देखते हुए कुछ अभिभावक नदी के तट तक तो बच्चों को ले आते हैं लेकिन नदी पार कराने के लिए शिक्षक को ही फोन करते हैं शिक्षक निर्मल ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें छोड़ने जाते हैं नदी पर रखते का शिलान्यास हो चुका है लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ है

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