तालिबान ने पंजशीर पर पूरी तरह से अपना कब्जा होने का दावा किया था. लेकिन नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट ने तालिबान के इस दावे को खारिज किया था.
अफगानिस्तान में तालिबान का खूनी खेल अभी भी जारी है. खबर है कि लड़ाई के दौरान अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरूल्ला सालेह के बड़े भाई की तालिबान ने हत्या कर दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान से लड़ाई के दौरान रोहिल्ला सालेह की बर्बरतापूर्वक हत्या की गई है. जबकि, अमरुल्लाह के बारे में बताया जा रहा है कि वह इस वक्त ताजिकिस्तान में हैं.
गौरतलब है कि इससे पहले तालिबान ने पंजशीर पर पूरी तरह से अपना कब्जा होने का दावा किया था. लेकिन नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट ने तालिबान के इस दावे को खारिज किया था. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि तालिबान के एक लड़ाके की उसी जगह की एक तस्वीर सामने आई है, जहां से सालेह ने एक वीडियो साझा किया था. रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि तालिबान ने सालेह के घर पर कब्जा कर लिया है. हालांकि, अब तक तालिबान की ओर से भी अमरुल्ला सालेह के भाई रोहिल्ला सालेह की मौत को लेकर कोई पुष्टि नहीं कही गई है.
कुछ रिपोर्ट्स में ऐसा कहा गया है कि तालिबान के खिलाफ विरोधी गुट के नेता अहमद मसूद और अमरूल्ला सालेह तालिबान के कब्जे के बाद पंजशीर से ताजिकिस्तान भाग चुके हैं. हालांकि, अफगानिस्तान सरकार के ताजिकिस्तान में अपदस्थ राजदूत ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि वे देश छोड़कर नहीं भागे हैं ।
पत्रकारो पर भी तालिबानी आतंक का साया, क्रूरता की हद पार करता तालिबान, यह तस्वीरें बयां कर रही है
फोटोग्राफर नेमातुल्लाह नकदी ने एएफपी को बताया, ‘तालिबान लड़ाकों में से एक ने मेरे सिर पर पैर रखा और कंक्रीट से मेरा चेहरा कुचल दिया। उन्होंने मेरे सिर में लात मारी… मुझे लगा कि वे मुझे मारने जा रहे हैं।’ नेमातुल्लाह नकदी ने बताया कि रिपोर्टर तकी दरयाबी और मुझे काबुल में एक पुलिस थाने के सामने महिलाओं द्वारा काम और शिक्षा के अधिकार की मांग करने वाले एक छोटे से विरोध को कवर करने का काम सौंपा गया था।
नकदी ने कहा कि जैसे ही उसने तस्वीरें लेना शुरू किया, तालिबान लड़ाके ने उन पर हमला कर दिया। उन्होंने मुझसे कहा, आप फोटो नहीं ले सकते। फिर तालिबानी लड़ाकों ने हमसे फोन छीन लिए और गिरफ्तार कर लिया। नकदी ने कहा कि तालिबान ने उनका कैमरा छीनने की कोशिश की, लेकिन वह भीड़ में किसी को सौंपने में कामयाब रहे। हालांकि, तीन तालिबान लड़ाकों ने उन्हें पकड़ लिया और थाने ले जाकर पिटाई शुरू कर दी।