पीएम ने कहा कि हमने ब्रिक्स आतंकरोधी एक्शन प्लान को भी स्वीकार किया है. अफगानिस्तान मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को आतंकवाद का स्रोत नहीं बनना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अफगानिस्तान को पड़ोसी देशों के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए. ताजा घटनाक्रम और हालात के बाद इस मुल्क को ड्रग ट्रैफिकिंग और आतंकवाद का केंद्र नहीं बनना चाहिए. पीएम ने कहा कि अफगानिस्तान के नागरिकों ने दशकों तक संघर्ष किया है और उन्हें यह सुनिश्चित करने का हक है कि उनका देश कैसा होना चाहिए. पीएम मोदी ने पांच देशों के ब्रिक्स (Brazil-Russia-India-China-South Africa)के वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के लिए BRICS एक प्रभावकारी आवाज बनकर है. ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ पर सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित करते हुए मै प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ पर इस समिट की अध्यक्षता करना मेरे और भारत के लिए खुशी की बात है. आज की इस बैठक के लिए हमारे पास विस्तृत एजेंडा है. पिछले डेढ़ दशक में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं. विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए भी यह मंच उपयोगी रहा है.
न्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और परिणामदायी हो. भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए जो थीम चुना है, वह यही प्राथमिकता दर्शाता है – “BRICS at 15: Intra-BRICS Cooperation for Continuity, Consolidation and Consensus”. पीएम ने कहा कि हाल ही में पहले “ब्रिक्स डिजिटल हेल्थ सम्मेलन” का आयोजन हुआ. टेक्नोलॉजी की मद से स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने का यह एक उन्नतशील कदम है. नवंबर में हमारे जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स फॉर्मेट में पहली बार मिलेंगे. यह भी पहली बार हुआ कि BRICS ने बहुपक्षीय प्रणाली की मजबूती और सुधार को लेकर साझा पहल की. हमने ब्रिक्स आतंकरोधी एक्शन प्लान को भी स्वीकार किया है.