राजधानी के ट्राइबल म्यूजियम में जनजातियों के पर्व परंपराएं और उनके बारे में जानने के इच्छुक लोग यहां की लाइब्रेरी में बनाई गई कलात्मक कुर्सियों पर बैठकर किताबें पढ़ने का आनंद ले सकेंगे इस तरह की है भोपाल की पहली लाइब्रेरी होगी जनजातीय कलाकारों द्वारा यह कुर्तियां इस तरह से तैयार की गई है कि इसमें रीडर राधा लेट कर भी किताब पढ़ सकते हैं लाइब्रेरी में वर्तमान में 11000 किताबें रखी गई है यह किताबें जनजातियों के पर्व मेले रिती रिवाज चित्रकला सहित उनके साहित्य पर आधारित है यहां के अधिकारियों के मुताबिक जो दर्शक म्यूजियम देखने के लिए आते हैं उनमें बहुत से ऐसे होते हैं जो मध्य प्रदेश की जनजातियों के बारे में जानना समझना चाहते हैं