जयप्रकाश ने अपनी स्कूल कॉलेज की शिक्षा भोपाल में कि उन्होंने बताया कि वे 4 साल की उम्र से पेंटिंग कर रहे हैं और गुरु से सीखी बारीकियों को चित्रों में उतारने का प्रयास करते हैं साथ ही चित्रों को अपने ही ढंग से बनाने की भी कोशिश करते हैं धुर्वे प्रकृति परिवेश पशु पक्षी मनुष्य और उसके क्रियाकलाप को रंग रेखाओं के जरिए खेलते हैं चटक रंगों एवं पेन से भरी गई रेखाएं चित्रों को एक विस्तृत आयाम देती है