अब जाति प्रमाण पत्रों के लिए भी समग्र आईडी होना जरूरी कर दिया गया है फर्जी जाति प्रमाण पत्र की शिकायतों पर रोक लगाने के लिए यह व्यवस्था की गई है नौकरी एडमिशन और चुनाव के लिए जाति प्रमाण पत्रों की जांच में कई बार विवाद होते हैं दरअसल आवेदक की जाति पिता की जाति के आधार पर तय होती है और समग्र आईडी में पिता का जिक्र होता है इस वजह से समग्र आईडी को जरूरी किया गया है समग्र आईडी नगर निगम के बाद कार्यालय से बनवाया जा सकता है हर राज्य में आ जा जा जा और पिछड़ा वर्ग की जातियों की सूची में अंतर है कई लोग अन्य प्रांतों के जाति प्रमाण पत्र मध्यप्रदेश में पेश करते हैं समग्र आईडी के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बनाने से यह समस्या हल होने की संभावना है