ग्राम बेला बेला जोड़ ब्लॉक चिचोली जिला बैतूल में श्री मंसाराम धुर्वे और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सीमा सिंह द्वारा गोटूल विश्वविद्यालय की स्थापना गोंडी भाषा मे आदिवासी संस्कृति और परंपरा के लिए किया जाएगा जिसमें गोल्डी संस्कृति एवं सभ्यता गोंडी संस्कृति एवं सभ्यता की शिक्षा दी जाएगी। जिस स्थान पर इसकी स्थापना की जा रही है वह स्थान लगभग 4:30 सौ 500 साल पुराना है इस जगह पर दूल्हा दुल्हन की बारात विलुप्त हो गई थी यह बारात धनिया जाम ग्राम से होकर बन्नू ढाना जा रही थी लेकिन इसी जगह अचानक बरात गायब हो गई यहां के बुजुर्ग श्री गजल ने बताया कि इस जगह का बड़ा महत्व है यह शक्ति का केंद्र भी है इस जगह पर अजीबोगरीब घटनाएं चमत्कार होते रहते हैं जो क्षेत्र के लोगों को आश्चर्यचकित करते रहते हैं। श्रीमती सीमा सिंह ने बताया कि मैंने अपनी शासकीय मेडिकल ऑफिसर की नौकरी से बी आर यस ले लिया है और अब मैं आदिवासी संस्कृति सभ्यता को पुनर्जीवित करना चाहती हूं साथ ही साथ इस क्षेत्र के पर्यावरण को और आयुर्वेदिक पुरातन चिकित्सा पद्धति को यहां रहकर किरण भी तो संचालित करूंगी यही मेरा सपना है जिसमें जिसके लिए मैंने जिसके लिए मैंने लगभग 400 पौधों का रोपण रोपण कर इसकी शुरुआत कर दी है इन पौधों में अलग-अलग प्रकार के आयुर्वेदिक ऑफ फलदार वृक्ष लगाए गए हैं लगभग 3 वर्ष में 56 वाटिका का कार्य पूर्ण हो जाएगा कार्य पूरा हो जाएगा इसकी शुरुआत मैंने कर दी है और शासकीय नियम अनुसार अनुमति या लेकर इसको संचालित किया जाएगा।