मैंने जब पहली फिल्म की थी तो बस यूं ही कर ली थी 1 दिन राहुल रवैल अंकल मेरे पास आए और कहा कि एक फिल्म बनाते हैं मैंने मां से बात की और कहा कि कॉलेज में मैं यूं ही कुछ सीख नहीं रही हूं तो यही करके देख लेती हूं मैं ने फिल्म के लिए हामी दे दी पहले फिल्मों का मुहूर्त हुआ करता था और सैकड़ों लोग आते थे उन सबके सामने मैंने अपना पहला शॉट दिया कैमरे से मैं कभी नहीं डरी मुझे यह हमेशा एक मशीन की तरह लगा जैसे घर में वॉशिंग मशीन एसी कूलर होता ना वैसे वैसे ही एक मशीन जो कभी-कभी ऑन हो जाती है मेरी इस बात को राहुल अंकल ने महसूस किया और उन्हें यह अद्भुत लगी फिल्म कैसी होगी हिट हिट होगी या फ्लॉप मैंने इस बारे में भी कभी सोचा नहीं मैं उस पल को जीने वाले लोगों में से हूं मैं मानती हूं कि आप जो भी करें उसे अपना तीन सौ परसेंट दें मैंने खूब मेहनत की बुरे से बुरे हालात में की मेहनत ही सफलता की चाबी है मैंने बचपन से आज तक कभी यह तय नहीं किया कि मुझे क्या बनना है या क्या पाना है हर बार मैंने वह सुना जो मेरे सामने था हर विकल्प पर गौर किया और उनमें से एक मौके की तलाश की मतलब यह कि मौके आएंगे आप उन्हें मौका देकर देखिए शायद यही कारण रहा कि काम को कभी मैंने हौवा नहीं बनाया मैं जब काम नहीं कर रही थी तो नहीं कर रही थी अभी मेरे पास फिल्म नहीं है तो नहीं है जिंदगी केवल प्रोफेशन से ही नहीं जुड़ी है मेरी एक जिंदगी है जो काम से भी जुड़ी है काम भी अलग अलग मायने रखता है मेरे बच्चों को संभालना मेरा काम है मेरा घर मेरा काम है मेरी डाइटिंग और मेरा वर्कआउट काम है