तालिबान और मसूद समर्थकों के बीच पंजशीर में भीषण लड़ाई, तालिबान के 800 लडाके ढेर, कश्‍मीर में 8000 आतंकवादियो ने की घुसपैठ

(विजय काटकर)

दुनिया के लिए सिर दर्द बने हुए आतंकवादी संगठनों अलकायदा, जेश-ए-मोहम्‍मद, लश्‍करे तैयबा, आईएस आईएस खुरासान, तालिबान के लडाके मध्‍य एशिया सहित पूरी दुनिया में अपना आतंक का जाल बिछाये हुए है । यह संगठन दुनिया में क्‍या करना चाहते है यह मानवता की समझ से परे है क्‍योकि ना वह सुकुन से रह रहे है और न दुनिया को सुकुन से रहने दे रहे है । एक बात तो साफ है कि जिस तरह से यह सिलसिला चल रहा है वह यही बताता है कि वह पूरी दुनिया में इस्‍लाम का राज्‍य स्‍थापित करना चाहते है तथा इस्‍लामिक शरिया कानून के हिसाब से दुनिया चलाना चाहते है । इतिहास गवाह है कि आज तक दुनिया में किसी भी एक धर्म समुदाय का एक छत्र शासन नही रहा है इसकी वजह यह है कि हर देश की अपनी एक संस्‍कृति जीवन जीने की शैली रही है । दुनिया मे इसाई धर्म और इस्‍लाम धर्म के बाद हिन्‍दू सनातन धर्म का बोलबाला रहा है लेकिन कोई भी धर्म हिंसा को तव्‍वजो नही देता है । वही बौध्‍द धर्म के अनुयायी देश भी जिसमें जापान, एवं चीन दुनिया में टेेेेेक्‍नोलाजी और सेना के मामले में पावर फुल है और रूस व अमेरिका वह देश है जिन्‍होने दुनिया पर अपनी धाक जमाने की कोशिशे की है । आज दुनिया में अमेरिका अपनी हुकुमत चला रहा है लेकिन वर्तमान अफगानिस्‍तान के मामले ने उसे कमजोर ही साबित किया हुआ है । अब देखना यह है कि दुनिया पर किसकी दादागिरी पूर्ण रूप से चलती है ?

अफगानिस्‍तान तालिबान के मुद्दे ने आतंकवादी संगठनाेे के हौसले किए बुलंद

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक पाकिस्‍तान भारत के कश्‍मीर क्षेत्र में 8000 आतं‍कवादियो ने अपनी घुसपैठ की है जो कश्‍मीर को आजाद कराने के लिए तालिबान की तरह अपना आतंक फैलाकर पाकिस्‍तान के मंसूबो को पूरा करना चाहते है । इंटेलीजेंस रिपोर्टस के मुताबिक पिछले कई दिनों से यह सुचनाऐ मिल रही है कि अलकायदा, जैैश’ए’मोहम्‍मद, लश्‍कर ए तैयबा, आदि संगठन कश्‍मीर में दहशत फैला सकते है ? इसलिए भारत सरकार को चाहिए कि वह पल पल की जानकारी कश्‍मीर के मुद्दे को लेकर सावधानी पूर्वक इकट्ठी कर कश्‍मीर पर नजर रखे और कारवाई के लिए सेना को मुस्‍तैद करे क्‍योकि अफगानिस्‍तान में अमेरिका के जाने के बाद तालिबान ने जिस तरह से आतं‍कवादियो के हौसले बुलंंद कर दिये है जो पूरी दुनिया के लिए एक खतरनाक संदेश है । जिसे भारत को समझना बेहतर होगा ।

पंजशीर में अहमद मसूद से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि तालिबान ने कई तरफ से हमला बोला है। पंजशीर के लड़ाके भी उनका जवाब दे रहे हैं। इससे पहले तालिबानी सूत्रों ने कहा था कि पंजशीर में कई गुट तालिबान के समर्थन में आ रहे हैं। पंजशीर पर हमले की पुष्टि कई सूत्र कर रहे हैं। उधर, दायकुंदी प्रांत के खदीर जिले में तालिबान ने हजारा समुदाय के 14 लोगों की हत्या कर दी है।

हजारा समुदाय पर तालिबान का जुल्म, हजारा लड़ाके भी तालिबान से भिड़े

हजारा समुदाय से जुड़े कार्यकर्ताओं का दावा है कि हजारा बहुल जिले दायकुंदी में तालिबान ने नजीबा लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब में तोड़फोड़ और लूटपाट की है। हजारा पत्रकार बशीर अहंग के मुताबिक इस लाइब्रेरी में स्थानीय हजारा लड़कियां और लड़के पढ़ाई करते थे।

अफगानिस्तान के अखबार इतलेआत रोज ने दावा किया है कि दायकुंदी प्रांत के खदीर जिले में तालिबान ने कुल 14 लोगों को मारा है, जिनमें 2 आम नागरिक हैं। वहीं हजारा मामलों पर नजर रखने वाले एक कार्यकर्ता का कहना है कि हम स्वतंत्र तौर पर पीड़ितों से बात नहीं कर सके हैं लेकिन स्थानीय मीडिया ने 14 लोगों के मारे जाने की खबर प्रकाशित की है।

हजारा समुदाय के कार्यकर्ता ये आरोप लगाते रहे हैं कि दूरस्थ इलाकों में तालिबान जुल्म कर रहा है और असली तस्वीर सामने नहीं आ पा रही हैं। दायकुंदी से आ रही रिपोर्टों के मुताबिक हजारा लड़ाकों और तालिबान के बीच लड़ाई भी हुई है। तालिबान ने दर्जन भर हजारा लड़ाकों की हत्या की है। तालिबान स्थानीय जासूसी नेटवर्क की मदद से हजारा लड़ाकों की पहचान कर रहे हैं।

काबुल में तालिबान ने लोगों से छीने हथियार, घरों से इतनी बंदूकें मिलीं कि गोदाम बन गया

अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान के पास हथियारों का जखीरा जमा हो गया है। अमेरिका ने अफगानिस्तान के सैनिकों को अब तक जितने भी हथियार, गोला-बारूद, लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर और अन्य सैन्य साजो-सामान दिए थे, वे अब पूरी तरह से तालिबान के कब्जे में हैं। तालिबान ने आम लोगों से भी भारी संख्या में हथियार इकट्ठा किए हैं।

दरअसल, कुछ दिन पहले तालिबान ने एक निर्देश जारी किया था। तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट कर कहा था कि ‘काबुल शहर में जिनके पास सरकारी वाहन, हथियार, गोला-बारूद और अन्य सरकारी सामान हैं, उन्हें स्वेच्छा से एक सप्ताह के भीतर संबंधित इस्लामिक अमीरात के अधिकारियों को सौंपना है। उन्होंने इस आदेश का उल्लंघन करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी के पास इनमें से कोई सामान पाया जाता है तो उनपर मुकदमा चलाया जाएगा।’

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