राज्य सरकार का विमानन विभाग 2016 से इस विमान को बेचने की कोशिश कर रहा है इस बार भी विभाग ने सातवीं बार इसे बेचने के लिए टेंडर निकाला 7 साल पहले विभाग ने इसकी ऑफसेट प्राइज काफी कम रखी थी लेकिन कम कीमत के बावजूद इसका खरीददार नहीं मिला इसके बाद इसकी बेस्ट प्राइस कई बार घटती गई लेकिन नीलामी नहीं हो सके इस बार इसकी ऑफसेट प्राइस 2 करोड़ 2400000 रखी गई थी इससे नीलामी में समझ में नहीं आई और यह हेलीकॉप्टर बिक गया